अवैध खनन करने व पत्थर चोरी का आरोपी हुआ दोषमुक्त

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सरवाड़/केकड़ी

केकड़ी ,2 सितंबर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या दो ने बिलिया निवासी दिनेश पुत्र देवकरण जाट को अवैध खनन करने व पत्थर चोरी के आरोप में संदेह का लाभ देकर दोष मुक्त करने के आदेश पारित किये हैं।आरोपी के अधिवक्ता डॉ. मनोज आहूजा ने बताया आरोपी के खिलाफ पुलिस थाना भिनाय के हैड कांस्टेबल रामकिशन ने मुकदमा दर्ज करवाया कि वह दिनांक पांच मई 2017 को थाने के जाप्ते के साथ गश्त कर रहा था तभी समय करीब 11 बजे जब वह बूबकिया से पहले आम सड़क पर पहुंचा कि तभी पाहडियो की तरफ से एक ट्रैक्टर मय ट्रोली पत्थर का भरा हुआ आता हुआ दिखाई दिया जिसको जाप्ते की मदद से रोका ट्रेक्टर के नम्बर RJ-01-RA-9703 थे तथा चालक का नाम पता पूछा तो अपना नाम दिनेश पुत्र देवकरण जाति जाट निवासी बिलिया ग्राम पोस्ट पाडलिया थाना भिनाय जिला अजमेर का रहने वाला बताया तथा ट्रेक्टर मे भरे पत्थर कहां से भरकर लाया इस बाबत पूछा तो बूबकिया की सरकारी भूमि पहाड़ियों से लाना बताया चालक से रायल्टी की रसीद मांगी तो नहीं होना बताया जिसके पत्थर के खनन करके व भरकर लाने के बारे में पूछा तो बताया कि मै सरकारी भूमि पहाड़ी से चोरी छुप कर लाया हूं तथा बेचने जा रहा हूं। इस प्रकार उक्त ट्रेक्टर नम्बर RJ-01-RA-9703 के चालक दिनेश का बिना रायल्टी रसीद के चोरी छुपे अवैध रूप से खनन कर लाने व परिवहन करने पर उसे 4/21 एमएम आरडी एक्ट व भारतीय दंड संहिता की धारा 379 में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया तथा उक्त रिपोर्ट पर बाद अनुसन्धान आरोपी के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई। अभियोजन ने अपना मामला साबित करने के लिए 6 गवाहों के बयान दर्ज करवाए वहीं मुल्ज़िम ने बयान देते हुए अपने आपको निर्दोष बताते हुए झूठा मुकदमा बनाए जाने की बात कही। वहीं आरोपी दिनेश के अधिवक्ता डॉ. मनोज आहूजा,भैरू सिंह राठौड़,रवि शर्मा ने दौराने बहस तर्क प्रस्तुत किये कि किसी भी राजस्व या खनिज विभाग के कर्मचारी द्वारा यह रिपोर्ट नहीं दी गई कि आरोपी ने सरकारी भूमि से चोरी की हो,सम्पूर्ण कार्यवाही में किसी स्वतंत्र गवाह को शामिल नहीं किया गया। गवाहों के बयानों में भारी विरोधाभास होने तथा अभियोजन द्वारा संदेह से परे अपराध को प्रमाणित कर पाने में विफल रहने के तर्क प्रस्तुत किये जिससे संतुष्ट होकर न्यायाधीश ने आरोपी दिनेश चौधरी को संदेह का लाभ देकर दोष मुक्त करने के आदेश पारित किये।

रिपोट शिवशंकर वैष्णव

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