पशु चिकित्सा एवं पशु पालन महाविद्यालय, महू के पशुपोषण विभाग में मंडी बोर्ड, मध्यप्रदेश द्वारा पोषित एवं नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा प्रायोजित परियोजना में क्षेत्र आधारित सूक्ष्म पोषक तत्वों का मिश्रण तैयार किया जा रहा है । परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ अशोक कुमार पाटिल ने बताया की इस मिश्रण को खिलाने से दुधारू पशुओं में विभिन्न प्रकार के जनन एवं उत्पादन संबंधी रोग जैसे समय पर गर्मी पर न आना, बार-बार पलटना, गर्भाशय का बाहर निकलना, जड़ का अटकना, थानों में दूध का न उतरना, थानैला (जहरवाद) लाल पेशाब का आना इत्यादि बीमारियों से पशु पालक को निजात मिल सकती है । प्रशिक्षण समन्वयक डॉ रविंद्र कुमार जैन, विभागाध्यक्ष पशु पोषण ने कहा की पशुओं के उपरोक्त रोगों से ग्रसित होने पर पशुपालकों को काफी आर्थिक हानि होती है। अतः पशुपालकों के हितार्थ सूक्ष्म पोषक तत्वों के महत्व को समझाने तथा पशु आहार में इसके नियमित प्रयोग के संबंध जानकारी प्रदाय करने हेतु पशुपालक जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस अभियान का शुभारंभ आज ग्राम हरसोला से हुआ। इस प्रशिक्षण में ग्राम के 30 प्रगतिशील पशुपालक सम्मिलित हुए। विशेषज्ञ दल में डॉ आशीष सोनी, डॉ रंजीत आईच, डॉ पुष्कर शर्मा एवं डॉ जितेंद्र यादव सामिल थे।इस कार्यक्रम की सफलता में स्थानीय सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी लेखराज चौधरी का सराहनीय योगदान रहा। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ सीता प्रसाद तिवारी के मार्गदर्शन एवं अधिष्ठाता डॉ ब्रह्म प्रकाश शुक्ला के निर्देशन में चलाया जा रहा है। डॉ जैन ने बताया कि आगामी शनिवार को शिविर ग्राम जामली में आयोजित होगा।
रिपोर्ट निलेश करेलिया
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