पलानीस्वामी के महासचिव बनने के बाद अगस्त में पहली बार सम्मेलन आयोजित करेगी अन्नाद्रमुक

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चेन्नई

लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकने के लिए तमिलनाडु में विपक्षी अन्नाद्रमुक अगस्त में मदुरै में एक सम्मेलन आयोजित करेगी। ई पलानीस्वामी (ईपीएस) को हाल ही में अन्नाद्रमुक महासचिव के रूप में पदोन्नत किए जाने के बाद यह पार्टी की पहली बड़ी मीटिंग होगी।

अन्नाद्रमुक कार्यकारिणी ने आज एक बैठक की जिसमें अपने प्रतिद्वंद्वी सत्तारूढ़ द्रमुक पर निशाना साधा गया।कार्यकारिणी ने कथित रूप से बिगड़ती कानून-व्यवस्था, नशीली दवाओं की समस्या को उजागर करने पर चर्चा की।

सरकार के खिलाफ बनाई रणनीति

बैठक में AIADMK आईटी विंग के पदाधिकारियों और इसके अन्य कार्यकर्ताओं को सत्ताधारी पार्टी के ‘कुकृत्यों’ को उजागर करने सहित अन्य मुद्दों पर सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की नसीहत दी गई। वहीं, DMK से 2021 के चुनावों से पहले किए गए अपने विभिन्न चुनावी वादों को लागू करने की भी मांग की गई।

पार्टी ने लिए कई संकल्प

पार्टी ने बढ़ती महंगाई के अलावा संपत्ति कर, जल कर में बढ़ोतरी को लेकर सरकार पर निशाना साधा। बैठक में पलानीस्वामी के साथ हमेशा खड़े रहने और “पार्टी के विद्रोहियों को बेपर्दा” करना का भी प्लान बनाया। एक अन्य प्रस्ताव में, पार्टी ने अगले साल के लोकसभा चुनावों में AIADMK के नेतृत्व वाले गठबंधन की जीत के लिए कड़ी मेहनत करने और पलानीस्वामी के नेतृत्व में 2026 के विधानसभा चुनावों में विजयी होने का संकल्प लिया।

रविवार को पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक में सम्मेलन में जरूरी बताते हुए कहा गया कि एआईएडीएमके के इतिहास में दिवंगत नेताओं एम जी रामचंद्रन और जे जयललिता द्वारा आयोजित ऐसे पार्टी सम्मेलन अतीत में उसके लिए निर्णायक मोड़ साबित हुए हैं, यहां तक कि उसे सत्ता में भी ले गए।

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