डिंडौरी मध्यप्रदेश
रिपोर्ट अखिलेश झारिया
पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय धमनगांव में हिंदी दिवस एवं पखवाड़ा समापन समारोह का भव्य आयोजन
डिंडौरी।
भारतीय संस्कृति की धरोहर और मातृभाषा हिंदी के महत्व को रेखांकित करते हुए पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय धमनगांव में हिंदी दिवस एवं पखवाड़ा समापन समारोह बड़े ही उत्साह और गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। यह आयोजन नवोदय विद्यालय समिति, क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल के मार्गदर्शन एवं विद्यालय के प्राचार्य डॉ. हर्ष प्रताप सिंह के नेतृत्व में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत
समारोह का शुभारंभ प्राचार्य डॉ. हर्ष प्रताप सिंह, श्री के.एल. महोबिया, श्री रामानंद, श्री उमाशंकर सहित शिक्षकों ने भारतेंदु हरिश्चंद्र के चित्र पर माल्यार्पण, पुष्पांजलि और दीप प्रज्वलन कर किया।
छात्र-छात्राओं की प्रस्तुतियां
कक्षा आठवीं की छात्रा अर्पिता मरावी ने राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी की आवश्यकता पर अपने विचार व्यक्त किए।
छात्र डेविड साहू ने हिंदी के प्रचार-प्रसार पर वक्तव्य प्रस्तुत किया।
छात्रा वंदना देशमुख ने अपनी स्वरचित कविता “सबसे सुंदर हिंदी” का काव्य पाठ किया।
शिक्षकों का योगदान
विद्यालय के हिंदी प्रवक्ता श्री के.एल. महोबिया ने हिंदी भाषा की गरिमा और महत्व पर प्रकाश डाला। प्राचार्य डॉ. सिंह ने अपने संबोधन में क्षेत्रीय भाषाओं के देशज शब्दों को हिंदी के साथ समाहित कर व्यावसायिक प्रयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रतियोगिताएं एवं पुरस्कार
हिंदी पखवाड़े (14 से 28 सितंबर 2025) के अंतर्गत वर्ग पहेली, पत्र लेखन, स्लोगन लेखन, कहानी लेखन, सुलेख, दोहा लेखन, फीचर लेखन और चित्रकला प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। विजेता विद्यार्थियों को हिंदी सामान्य ज्ञान पुस्तक, व्याकरण पुस्तक, पेन और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
हिंदी सेवकों का सम्मान
विद्यालय में उत्कृष्ट योगदान देने वाले शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों— यज्ञ सेन पटेल (कार्यालय अधीक्षक), आभा बोरकर (संगीत शिक्षिका), दीक्षा तिवारी (अंग्रेजी शिक्षिका), उमा मिश्रा (लिपिक), राकेश कुमार (चौकीदार) को प्रशस्ति पत्र और पेन देकर सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त अन्य शिक्षकों और कर्मचारियों को भी हिंदी पखवाड़े में सहभागिता के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन कक्षा ग्यारहवीं की छात्राओं अर्पिता, वंदना देशमुख और राखी ने किया। अंत में उप-प्राचार्य श्रीमती अलका विश्वकर्मा ने आभार व्यक्त करते हुए हिंदी भाषा के वैश्विक महत्व पर बल दिया और सभी के योगदान की सराहना की।
समापन अवसर पर विद्यालय परिवार, शिक्षकगण और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति ने कार्यक्रम को गरिमामय बना दिया।