रायपुर 05 जनवरी 2025
नगरीय निकाय चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए 15 जिलों के नए जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा की है। रविवार को रायपुर स्थित भाजपा कार्यालय में यह घोषणा की गई, जहां कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी के साथ नए अध्यक्षों का स्वागत किया। बैठक में प्रमुख नेताओं और जिला चुनाव अधिकारियों की मौजूदगी रही।
बीजेपी ने विभिन्न जिलों में संगठन को मजबूत करने के लिए नए अध्यक्षों को जिम्मेदारी सौंपी है। जिन 15 जिलाध्यक्षों की घोषणा हुई है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
रायपुर ग्रामीण की जिम्मेदारी श्याम नारंग को सौंपी गई है।
कांकेर जिले की जिम्मेदारी महेश जैन को दी गई है।
रायपुर शहर जिला के अध्यक्ष रमेश ठाकुर बने हैं।
भिलाई में पुरुषोत्तम देवांगन को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
दुर्ग में सुरेंद्र कौशिक को अध्यक्ष बनाया गया है।
बीजापुर में घासीराम नाग को नियुक्ति किया गया है।
गौरेला पेंड्रा लालजी यादव का चयन किया है।
बालोद जिले में चमन देशमुख को अध्यक्ष बनाया गया है।
सूरजपुर जिले का भाजपा अध्यक्ष मुरलीधर सोनी को बनाया गया है।
मुंगेली जिले का भाजपा अध्यक्ष दीनानाथ केशरवानी को बनाया गया है।
रायगढ़ जिले के भाजपा अध्यक्ष अरूंणधर दिवान बने हैं।
बलरामपुर जिले के भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश जायसवाल
जशपुर जिले के भाजपा अध्यक्ष भरत सिंह को बनाया गया है।
चौकी मोहला मानपुर में नम्रता सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कोरबा जिले के भाजपा अध्यक्ष मनोज शर्मा को बनाया गया है।
राजनांदगाँव और कवर्धा के जिलाध्यक्षों की घोषणा नहीं की गई है।
इस प्रकार नगरीय निकाय चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने संगठन में बड़ा बदलाव किया है। जिला अध्यक्षों की घोषणा के बाद अब माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। सूत्रों की मानें तो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की रेस में पांच प्रमुख दावेदार धरमलाल कौशिक, शिवरतन शर्मा, विक्रम उसेंडी, नारायण चंदेल और किरण सिंहदेव के नाम शामिल हैं। यह चर्चा है कि जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए बीजेपी इस बार किसी ओबीसी चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है, ताकि छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय कैबिनेट में सभी वर्गों का संतुलन बना रहे । ऐसे में बीजेपी ओबीसी चेहरे पर दांव लगा सकती है।
बीजेपी के इस संगठनात्मक बदलाव को नगरीय निकाय चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। पार्टी ने इस कदम के जरिए जिलों में अपनी पकड़ मजबूत करने और चुनावों से पहले संगठन को नई ऊर्जा देने की कोशिश की है। ज़िलाध्यक्षों के नामों की घोषणा के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में किसे जिम्मेदारी सौंपी जाती है।
( राजीव खरे ब्यूरो चीफ छत्तीसगढ़)
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