चंडीगढ़
श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाएं क्या वापस ली जाएगी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की 20 मई शनिवार को होने वाली कार्यकारी समिति की बैठक में इस पर चर्चा संभव है।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह स्थायी तौर पर तो तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार हैं, लेकिन अक्टूबर 2018 से उन्हे श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार लगाया गया था, लेकिन पिछले कुछ समय से उनके कुछ ऐसे बयान भी आते रहे हैं जिसने शिरोमणि अकाली दल को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
खासतौर पर उनका युवाओं से हथियारों को रखने का बयान उसी श्रेणी में आया था हालांकि उन्होंने बाद में इसका स्पष्टीकरण भी दिया कि उनके बयान को सही अर्थों में नहीं लिया गया है।
यही नहीं, जब हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को बनाने को लेकर फैसला आया तब भी ज्ञानी हरप्रीत सिंह काफी नाराज दिखे। होला मोहल्ला के एक कार्यक्रम में तो उन्होंने यहां तक कह दिया कि पार्लियामेंट को अखंड रखने के लिए ये सिस्टम किसी की बलि, किसी की जान लेना भी जानता है और कहता है कि हमें अपनी पार्लियामेंट को अखंड हर हाल में रखना ही है। उन्होंने कहा था कि आप रखो अपनी पार्लियामेंट को अखंड, लेकिन सिखों की पार्लियामेंट को दो टुकड़ों में कर दिया है
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