आत्मनिर्भरता हमारी भारतीयता का सांस्कृतिक मूल्य है – डॉ. भरत शर्मा

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आत्मनिर्भरता हमारी भारतीयता का सांस्कृतिक मूल्य है – डॉ. भरत शर्मा
इंदौर मध्य प्रदेश
पंडित दीनदयाल अन्त्योदय योजना को कृतसंकल्पित संस्था अर्हम सेवा संकल्प, संस्था प्रयास, मणिराम ज्वैलर्स, समाजसेवी अलका सैनी और इंदौर नगर निगम के माध्यम से स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत विषय पर आयोजित “आत्मनिर्भर उत्सव मेला” आयोजन के समापन अवसर पर संस्कृति मंत्रालय- भारत सरकार, सदस्य डॉ. भरत शर्मा का सम्मान संस्थान की निदेशिका मोनिका कर्णावत द्वारा स्मृति चिह्न देकर किया गया। उक्त अवसर पर डॉ. भरत शर्मा ने कहा कि भारतीय जीवन शैली का हिस्सा रही आत्मनिर्भरता स्वावलंबन, आर्थिक नीति ही नहीं वरन् भारत के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का परिचायक है। भगवद्गीता में संबोधित —“स्वधर्मे निष्ठा” का पर्याय हमे अपने धर्म, कर्म, तप और क्षमताओं से प्राप्त स्वावलंबन और विकास का मार्ग बताते रहे। अपने प्रकल्प के प्रति नैतिक और व्यावहारिक जिम्मेदारी का एहसास और समर्पण का भाव हमारी जीवन शैली रही है। भारत अपने कौशल और अपने मूल्यों से विश्व को नई दिशा देने की क्षमता रखता है । स्वदेशी के प्रति हमारी आसक्ति हमारे विकास का आधार है।
उक्त अवसर पर शहर के गणमान्य नागरिक राकेश खंडेलवाल, सुनील पटेल, गौरव पटेल, मुकेश श्रीवास्तव, वीरेंद्र पौराणिक और शिक्षाविद राजीव झालानी उपस्थित रहे। रिपोर्ट अनिल भंडारी 9425059410

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