प्लांट प्रबंधन की मनमानी चरम पर, स्थानीय लोगो को नहीं दिया जा रहा है रोजगार
“घंसौर
घंसौर से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित बरेला में झाबुआ पावर प्लांट एनटीपीसी के संयुक्त उपक्रम संचालित हो रहा है लगभग डेढ़ दशक पहले झाबुआ पावर प्लांट प्रारंभ हुआ था प्लांट चालू होने के पहले तत्कालीन प्लांट प्रबंधक द्वारा स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोजगार देने के वादे किए गए थे लेकिन आज डेढ़ दशक बाद लोग रोजगार के लिए तरसते नजर आ रहे हैं तो वही ग्रामीणों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि जिन कुछेक लोगों को प्लांट प्रबंधन द्वारा रोजगार दिया गया है उनके द्वारा आमानवीय व्यवहार किया जा रहा है बात करें तो आदिवासी अधिसूचित विकासखंड घंसौर असिंचित एवं पठारी क्षेत्र है सिंचाई सुविधा विहीन जनजातीय आदिवासी विकास खंड के आदिवासी नागरिक अत्यंत गरीब एवं पिछड़े हैं जोकि रोजगार की तलाश में पलायन कर रहे हैं घंसौर विकासखंड में कोल बेस्ट थर्मल पावर प्लांट (झाबुआ प्राइवेट लिमिटेड) स्थित है लेकिन प्लांट प्रबंधक द्वारा मनमानी की जा रही है एवं ग्रामीणों के साथ वादाखिलाफी की जाती है ग्रामीणों में अत्यंत आक्रोश बना रहा है वहीं प्लांट प्रबंधक द्वारा बाहरी लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है स्थानीय लोगों को रोजगार व्यवसाय के अवसर नहीं दिया जा रहा है तो वही ग्रामीणों द्वारा अगर रोजगार की बात की जाती है तो उनकी आवाज को दवा दिया जाता है इसे अनुरूप प्लांट प्रबंधन क्षेत्र की भोली भाली जनता को सामग्री वितरित कर लुभा रहा है समय-समय पर खेल की सामग्री वितरित कर क्षेत्र की जनता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है एवं प्लांट प्रबंधन अपना कार्य अपनी मनमानी से कर रहा है कभी क्रिकेट किट तो कभी कबड्डी जैसे आयोजन करने में प्लांट प्रबंधन अपने आप को बड़ा गर्व महसूस करता है लेकिन शायद इस क्षेत्र की भोली-भाली जनता यह नहीं समझ रही कि उनके साथ कितना बड़ा खिलवाड़ किया जा रहा है । प्लांट प्रबंधन के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर विविध प्रकार के आयोजन किए जाते हैं एवं ग्रामीण जनों को आमंत्रित किया जाता है जिससे ग्रामीण जन अत्यधिक उत्साहित रहते हैं लेकिन उसे आड़ में प्लांट प्रबंधन द्वारा ऐसे कार्य किया जा रहे हैं जिससे ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है । वही प्लांट प्रबंधन द्वारा प्रशासन की आंखों में धूल झोंकी जा रही है एवं कुछ ऐसे कार्य किया जा रहे हैं जो नियम विरुद्ध है
रिपोर्टर – अमन अवधिया
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