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Home Policewala भिण्ड – जिला शिक्षा विभाग में छात्रवृति घोटाले की जाँच भ्रस्टाचारियों को बचाने की सोची समझी रणनीति।
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भिण्ड – जिला शिक्षा विभाग में छात्रवृति घोटाले की जाँच भ्रस्टाचारियों को बचाने की सोची समझी रणनीति।



जब बबेड़ी संकुल में पदस्थ रहे डीडीओ ने छात्र के खातों में आपडेशन की अपने पासवर्ड से दी थी स्वीकृति फिर भी कार्यवाही से क्यों है महफूज…?

जाँच दल गठन में गड़बड़ी,घोटाले के दौरान नोडल अधिकारी रहे श्यामानंद तिवारी भी जांचदल में शामिल,कैसे होगी भ्रस्टाचारियों पर कार्यवाही…?

शिक्षकों द्वारा शासन के खाते में रुपये जमा करने की बात आ चुकी है सामने क्या घोटाले की राशि प्राप्त होने के दो वर्ष बाद रुपयों को जमाकर मिल जाएगी क्लीनचिट..?

अपराध की सजा के लिए कब होगी एफआईआर और कब होगी दोषी शिक्षकों की बर्खास्तगी…?

एक और शिक्षक का कबूलनामा हमारे बैंक खातेमें 36000 रुपये तो आये है,दर्जनों बच्चों के नाम के आगे आपका बैंक खाता कैसे दर्ज हुआ इसका नही दे पाए कोई माकूल जवाब…बोला जमा कर चुका हूं पैसा लेकिन राशि जमा की नही दे पाए रशीद क्योंकि वो है चोरी का सर्टिफिकेट जो पहुँचा दिया अधिकारियों के पास।

शिक्षा विभाग के ढुलमुल रवैये की सम्पूर्ण जानकारी पहुंची भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों तक,खुद डीपीआई अभय वर्मा भिण्ड कलेक्टर को भेज चुके है कई पत्र और दर्जनभर स्मरण पत्र,लेकिन मामले में अधिकारियों की लीपापोती लगतार जारी।

मामले में स्कूली शिक्षा प्रमुख रश्मि अरुण शमी जल्द कर सकती है कार्यवाही,भिण्ड में छात्रवृति घोटाले के नाम पर भोपाल में चर्चा ने पकड़ा जोर।

बड़ा सवाल धृतराष्ट्र बने भिण्ड प्रशासन की आंखों से कब हटेगी गांधारी की पट्टी…?

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