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डोंगरगढ़ में फर्जी सिम रैकेट का भंडाफोड़: अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम से जुड़े तार, पुलिस ने दबोचा मास्टरमाइंड

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छत्तीसगढ़ पुलिस की साइबर सेल ने डोंगरगढ़ में एक बड़े साइबर क्राइम रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने रेलवे चौक स्थित ‘अज्जू मोबाइल’ नामक दुकान के संचालक अजय मोटघरे को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी सिम कार्डों की अवैध बिक्री कर रहा था। जांच में खुलासा हुआ है कि इन सिम कार्डों का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन ठगी, बैंक धोखाधड़ी और साइबर अपराधों के लिए किया जा रहा था।

साइबर पुलिस की छापेमारी में बड़ी मात्रा में फर्जी सिम कार्ड, कई मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला कि अजय मोटघरे द्वारा जारी किए गए सिम कार्ड संयुक्त अरब अमीरात (UAE), श्रीलंका, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों में साइबर अपराधियों के हाथों बेचे गए थे।

यह मामला तब सामने आया जब साइबर अपराध से जुड़ी कई शिकायतों की जांच के दौरान पुलिस को एक अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम नेटवर्क के सुराग मिले। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह नेटवर्क न केवल फर्जी बैंक खातों को सक्रिय करने के लिए इन सिम कार्डों का उपयोग कर रहा था, बल्कि ऑनलाइन ठगी और साइबर जासूसी जैसी गतिविधियों में भी संलिप्त था।

इस मामले को लेकर साइबर पुलिस ने ‘ऑपरेशन साइबर शील्ड’ के तहत कार्रवाई की, जिसमें म्यूल बैंक अकाउंट (धोखाधड़ी के लिए खोले गए बैंक खाते) बनाने के लिए फर्जी सिम कार्ड बेचने वाले 13 पीओएस एजेंटों को भी गिरफ्तार किया गया है। इस ऑपरेशन के तहत अब तक कुल 98 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

इस मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि साइबर अपराध सिर्फ स्थानीय स्तर पर सीमित नहीं हैं, बल्कि इसके तार अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध गिरोहों से जुड़े हो सकते हैं। फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल कई तरह की अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:
✔ बैंक धोखाधड़ी और ऑनलाइन ठगी
✔ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर जासूसी
✔ फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स से अफवाह फैलाना और लोगों को ठगना
✔ डार्क वेब के जरिए डेटा की अवैध बिक्री

इस मामले को देखते हुए साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की है। साइबर अपराध से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय जरूरी हैं:
✔ अपने मोबाइल नंबर और व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखें और किसी अज्ञात व्यक्ति को न दें।
✔ किसी भी संदिग्ध लिंक, ईमेल या एसएमएस पर क्लिक करने से बचें।
✔ दो-कारक प्रमाणीकरण (2FA) का उपयोग करें ताकि अकाउंट्स अधिक सुरक्षित रहें।
✔ सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क का इस्तेमाल करते समय सतर्क रहें।
✔ अगर किसी अनजान व्यक्ति का फोन आए और बैंक या ओटीपी की जानकारी मांगे, तो फौरन पुलिस को सूचित करें।

साइबर सेल अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुटी है और अजय मोटघरे के अन्य संपर्कों की जांच कर रही है। पुलिस का मानना है कि इस नेटवर्क में और भी कई लोग शामिल हो सकते हैं, जो फर्जी सिम कार्डों को बेचने और उनका इस्तेमाल करने में लिप्त हैं।

साइबर पुलिस ने जनता से अपील की है कि अगर किसी को साइबर अपराध से जुड़ी कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराएं। इस मामले की विस्तृत जांच जारी है और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

( राजीव खरे ब्यूरो चीफ छत्तीसगढ़)

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