अन्य विषय का पेपर बाटकर विद्यार्थियों का समय किया खराब, बाद में बढ़ाया समय
कॉलेज में बैठे-बैठे नए-नए नियम बना रहे निरंजन सिंह महाविद्यालय के प्रोफेसर एवं प्राचार्य
गोटेगांव – स्थानीय क्षेत्र का एकमात्र महाविद्यालय जिसका नाम ठाकुर निरंजन सिंह महाविद्यालय रखा गया है लेकिन इसके नाम के साथ-साथ इसकी शिक्षण कार्यप्रणाली को ताप पर रखा जा रहा है जिससे आज निरंजन सिंह महाविद्यालय मनोरंजन कॉलेज बना हुआ दिखाई दे रहा है। जब यहां के प्राचार्य, प्रोफेसर, शिक्षक, ही लापरवाह रहेंगे तो विद्यार्थियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। महाविद्यालय में लापरवाही की आए दिन नए-नए सुर्खियां देखने को मिल रही है। शिक्षा के अभाव में अब निरंजन सिंह महाविद्यालय लापरवाह प्रोफेसर और प्राचार्य की उदासीनता के चलते अब शिक्षाहीन होता नजर आ रहा है। ना तो यहां सही समय पर क्लास लगती है और ना ही कोई शैक्षिक गतिविधियां विद्यार्थियों के समक्ष की जाती हैं। आए दिन लापरवाही के चलते महाविद्यालय का लापरवाही पूर्वक रवैया क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था पर पातीला लगा रहा है। इसी क्रम में लापरवाही का जखीरा तक फूटा जब पढ़ाई के बाद अब पेपर में भी लापरवाही बरती गई विगत दिवस दिन शनिवार को क्रमबद्ध कक्षा बी.काम थर्डईयर का पेपर था जिसमें लोकवित्त विषय का पेपर था लेकिन इनकम टैक्स का पेपर वाट दिया गया जिसके बाद विद्यार्थियों ने अपने सरल क्रम में हल करना शुरू कर दिया लेकिन कुछ समय बाद ज्ञात हुआ कि पेपर बदल चुके हैं जिस लापरवाही का करण महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर सहित शिक्षक हैं जिन्होंने बिना समझी जांचें विद्यार्थियों को पेपर वितरित कर दिए और विद्यार्थियों ने हल करना शुरू कर दिया इसके बाद पेपर का समय निकल गया और सही पेपर विद्यार्थियों तक नहीं पहुंच पाया।
दुकान से कराई फोटो कॉपी, तब बांटे गए पेपर
महाविद्यालय के जिम्मेदारों ने अपनी लापरवाही को छुपाने के लिए शातिराना अंदाज से आरडीवीवी से प्रिंट कॉपी मंगवाकर प्राइवेट ऑनलाइन दुकान से होने वाले पेपर की फोटो कॉपी निकलवाई जिसके पास उन प्रिंट कॉपियों को अध्यनरत विद्यार्थियों को वितरित किए गए इसके बाद परीक्षा का क्रम जारी रहा लेकिन अब तक परीक्षा समय समाप्त हो चुका था। लेकिन मनमर्जी के मालिक महाविद्यालय के जिम्मेदारोंइ टाइम समाप्त होने के बाद पेपर वितरण कराया और विद्यार्थियों सी पुनः परीक्षा ली।
लापरवाहो को बचते नजर आया महाविद्यालय का स्टाफ
जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो कॉलेज परिसर में हलचल मच गई कोई प्रचार की सफाई बता रहा तो कोई प्रचार की अनुपस्थिति बता रहा लेकिन जब कागजी दस्तावेजों में छानबीन की गई तो पता लगा कि प्राचार्य बी.डी कोष्टी महाविद्यालय तो आए लेकिन कुछ ही समय में पलायन हो गए। इसके अलावा जिम्मेदार कहीं जाने वाली प्रोफेसर अन्नपूर्णा कोस्टा पल भर के लिए महाविद्यालय आई और ताला लगाकर चली गई यही वजह रही कि महाविद्यालय को अपनी लापरवाही छुपाने के लिए प्रिंट कॉपी मंगवाकर फोटो कॉपी का सहारा लेना पड़ा
परीक्षा टाइम भी नदारत रहे प्राचार्य बी.डी कोष्ठी
महाविद्यालय के एक जिम्मेदार पद पर होते हुए भी प्राचार्य भी.डी कोष्टी परीक्षा टाइम महाविद्यालय से नदारत रहे। जब इस मामले की छानबीन की जा रही थी तब कोष्टी महाविद्यालय में नजर नहीं आए बताया जाता है कि प्राचार्य घंटे दो घंटे के लिए महाविद्यालय आते हैं और खाना पूर्ति करके चले जाते हैं जिसका खामियाजा प्रोफेसर एवं शिक्षकों को उठाना पड़ता है जिसके अभाव से महाविद्यालय में लापरवाही का अभाव बना रहता है
शिकायत के बाद महाविद्यालय पहुंचे नायब तहसीलदार
ठाकुर निरंजन सिंह महाविद्यालय में हुई लापरवाही की शिकायत पर मौके पर नायब तहसीलदार महेश वट्टी कॉलेज पहुंचे और उन्होंने तत्कालीन परिस्थितियों का जायजा लिया पाया गया कि जिम्मेदार प्रोफेसर एवं कॉलेज के प्राचार्य परीक्षा केंद्र अध्यक्ष मौके पर उपस्थित नहीं है। परीक्षा पेपर में जो लापरवाही भारती जा रही है यह जांच का विषय है दोषियों पर कार्यवाही की जाएगी
नायब तहसीलदार – महेश वट्टी
तीन प्रकार के आज पेपर थे। कॉलेज की तरफ से अव्यवस्था हो गई थी जिसका सुधार किया गया है। समय को बढ़ाते हुए अब यथावत पेपर किया जा रहे हैं
सहायक केंद्र अध्यक्ष महेश जैसवाल प्रोफेसर
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