महाराष्ट्र
मुंबई
मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट में कल रात वियतजेट एयरलाइंस की फ्लाइट बहुत लेट हो जाने के कारण 300 यात्री रात भर विमान के अंदर ही परेशान होते रहे। न इनकी सुध एयरलाइंस ने ली और न ही DGCA ने इन पर ध्यान दिया।
ग़ौरतलब है कि कल मुंबई से रात 11.30 पर वियतनाम जाने वाली वियतजेट एयरलाइंस की फ्लाइट VJ-884 किसी ख़राबी के चलते लगभग 10 घंटे लेट हो गई। इस फ़्लाइट में 300 यात्री सवार थे। आजकल जैसा कि आम हो चला है, एयरलाइंस के क्रू मैंबर्स ने इनको लगातार भुलावे में रखा कि बस थोड़ी देर में फ़्लाइट चलेगी। पूरे 10 घंटे यात्री प्लेन में फँसे रहे। न उनको खाने को कुछ मिला न पीने को ।
इतना ही नहीं DGCA ने भी इस घटना पर कोई ध्यान नहीं दिया । अंत में सुबह 7 बजे उन्हें वेटिंग एरिया में ले जाया गया। DGCA के अनुसार , अगर कोई फ्लाइट डिले होती है तो यात्रियों के खाने और उनके लिए होटल का इंतजाम करना एयरलाइंस की जिम्मेदारी होती है।
एयरलाइंस एक मोनोपली वाला बिज़नेस बनता जा रहा है और एयरलाइंस के स्टाफ़ की यात्रियों से बदसलूकी की खबरें लगातार बढ़ती जा रही हैं।एयरलाइंस की ग्राहक सेवाओं में लगातार कमियों की शिकायतें आ रही हैं। और DGCA को शिकायत करने पर भी एयरलाइंस के विरुध्द कार्यवाही नहीं होती।यहाँ तक कि फ़्लाइट कैंसिल होने और अत्यधिक लेट होने पर भी यात्रियों को सही सूचना तक नहीं दी जाती ।
एयरलाइंस जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में इस प्रकार की घटनाऐं अत्यंत दुखद हैं और उनसे भी ज़्यादा दुखद है नियंत्रक एजेन्सी का एयरलाइंस को नियंत्रण में नहीं रख पाना। ज़िम्मेवार दोनों ही हैं और साथ में वो नियम भी जो ऐसी कठिनाई झेलने वाले यात्रियों को सही मुआवज़ा नहीं ज़िला सकते । आज ज़रूरत है ऐसे नियम व व्यवस्था बनाने की जो एयरलाइंस की मोनोपली पर अंकुश लगा कर यात्रियों को सही सुविधा दिला सके ।
( मुंबई ब्यूरो)
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