जिला सतना मध्य-प्रदेश
सतना। शहर के बघेल हाऊस के निकट बालमीक प्रसाद पाडेयं निज निवास पर संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के आयोजन में जहां आचार्य के मुखर बिन्दु से भक्ति का रस बह रहा है इस भक्ति के रस मे डूबकी लगाने के लिये श्रोता है आ रहे है संगीतमय कथा का आनंद उठाते हुये पूरी तरह से कृष्णमयी होकर रोमांचित एवं पुलकित हो रहे है श्रीकृष्ण की लालाओ का वर्णन सुनने के उनके जन्म जन्मतरों के पाप नष्ट जाते है मानव जीवन का पुष्प उदय होता है तब इस प्रकार के अवसर प्रापत होते है बिना भक्ति के जीवन मे भक्ति नही आती है इसलिये मनुष्य को क्षण ईशवर का गुणगान करने से नही चुकना नही चहिये कथा के चौथे दिन श्री शिरोमाणि शास्त्री जी के द्वारा भगवान श्री कृष्ण का जन्म की कथा सुनाई और बताया कि द्वावापर युग में मथुरा में महाराज उग्रसेन राजा थे हालाकि उनके बेटे कंश ने अपने पिता को सिंहासन से हटा दिया और खुद राजा बना गया कंस का आत्याचार हर रोज बढता जा रहा था कंस की एक बहन देवकी थी जिसकी शादी वासुदेव से हुई कंस अपनी बहन से बहुत प्रेम करता था इस मौके पर काफी संखया मे लोग पहुच रहे है
रिपोर्टर आशीष चतुर्वेदी सतना ग्रामीण
