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वॉटर स्पोर्ट्स का एडवेंचर अब बनेगा गांधीसागर की नई पहचान – मुख्यमंत्री डॉ. यादव

 

गांधीसागर गिद्धों के लिए तो मशहूर है ही, अब यहां चीता भी दौड़ रहा है

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट के चौथे संस्करण का शुभारंभ

टेंट सिटी का भी हुआ शुभारंभ

मंदसौर 12 सितम्बर 25/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जल ही जीवन है और जल से ही जीवन का यौवन है। जल से जुड़ी पर्यटन गतिविधियों का विकास हमारा लक्ष्य है। वॉटर स्पोर्ट्स का इर्नामस एडवेंचर (असाधारण रोमांच) अब गांधीसागर बांध की एक नई पहचान बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गांधीसागर बांध क्षेत्र का पूरा कैचमेंट एरिया और बैकवॉटर का प्राकृतिक सौंदर्य स्विट्जरलैंड की वादियों से भी ज्यादा आनंदित करने वाला है। गांधीसागर पहले से ही गिद्धों के लिए मशहूर है, लेकिन अब यहां चीता भी दौड़ रहा है। जल और वन्यजीव पर्यटन दोनों के मामले में गांधीसागर अब देश-दुनिया में मशहूर हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंदसौर जिले के गांधीसागर बांध क्षेत्र में फॉरेस्ट रिट्रीट के चौथे संस्करण के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा बांध के बैकवॉटर एरिया में विकसित टेंट सिटी का शुभारंभ भी किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान पशुपतिनाथ के प्रभाव क्षेत्र में चंबल मैया के किनारे गांधीसागर का संबंध गंगाजी से जुड़ रहा है। क्षिप्रा नदी चंबल में आकर मिलती है और यही धारा आगे जाकर यमुना नदी में मिलती है। चंबल नदी के बगैर यमुना की धारा अधूरी है। हजारों साल से मंदसौर, नीमच और बरसों से बीहड़ रहे क्षेत्र को चंबल मैया का आशीर्वाद मिल रहा है। चंबल नदी में घड़ियाल और डॉलफिन का भी बसेरा है। चंबल का पानी स्वच्छता में सर्वोत्तम है। गंगा मैया देवभूमि उत्तराखंड से निकलती है। कोलकाता में गंगा नदी में मालवांचल की मिठास भी घुली हुई है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल ही जीवन की धुरी है। पृथ्वी पर जीव की उत्पत्ति जल से हुई है। जल से स्नान करने पर शरीर की थकावट दूर हो जाती है। सनातन धर्म की सभी परम्पराओं और संस्कारों में जल का बड़ा महत्व है। गांधीसागर बांध क्षेत्र में वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी की शुरुआत हो गई है। अब यह सम्पूर्ण क्षेत्र वॉटर स्पोर्ट्स में रूचि रखने वाले देश-दुनिया के सभी पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल में जलमार्गों से ही आवागमन होता था। उज्जैन से मां क्षिप्रा के माध्यम से गंगा नदी से देशभर के अन्य स्थानों तक पहुंचा जा सकता था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हमें विरासत से विकास और जल संस्कृति के संरक्षण का नारा दिया है। गांधीसागर बांध क्षेत्र में पर्यटन बढ़ने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि मंदसौर सिर्फ गांधीसागर के लिए नहीं, अफीम के लिए भी फेमस है। अफीम की भाजी का स्वाद लेने का एक अलग ही आनंद है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किसानों के हित में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में किसानों की हितैषी और संवदेनशील सरकार है। प्रदेश के सभी कलेक्टर्स को प्राकृतिक आपदा या कीट प्रकोप से किसानों की फसल को हुए नुकसान का जल्द से जल्द सर्वे पूरा करने और राहत राशि देने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। किसानों को हुए फसल घाटे की भरपाई सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बहनों के कल्याण के लिए भी संकल्पित है। लाड़ली बहना योजना के माध्यम से सरकार उन्हें 1500 करोड़ रूपए से अधिक की राशि प्रतिमाह प्रदान कर रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी 17 सितंबर को धार की ऐतिहासिक धरती पर पधार रहे हैं। धार में कपास आधारित उद्योगों और रेडीमेड गारमेंट्स की निर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए भारत के पहले और सबसे बड़े पीएम मित्रा पार्क का शिलान्यास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का वैश्विक मंच पर उपस्थित होना भारतीयों को गौरवान्वित करने वाला अवसर है।

मंदसौर-नीमच-जावरा लोकसभा क्षेत्र से सांसद श्री सुधीर गुप्ता ने कहा कि गांधीसागर और चंबल क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव राज्य के पर्यटन और औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। इस क्षेत्र में गिद्ध संरक्षण और तितलियों की प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है। आगामी वर्षों में गांधीसागर क्षेत्र प्रदेश का सबसे प्रसिद्ध जल पर्यटन स्थल बनेगा।

क्षेत्रीय विधायक श्री चंदर सिंह सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंदसौर और नीमच जिले को कई सौगात दी हैं। राजस्थान सीमा पर स्थित गांधीसागर बांध वर्ष 1960 में बना था। यहां सालों तक कोई विकास नहीं हुआ, लेकिन अब मुख्यमंत्री ने अपनी सहृदयता से यहां विभिन्न कार्यों के लिए 100 करोड़ रूपए से अधिक की विकास राशि मंजूर की है। विकास कार्यों के बाद यह क्षेत्र एक नए स्वरूप में जाना-पहचाना जाएगा।

कार्यक्रम में राज्यसभा सदस्य श्री बंशीलाल गुर्जर, पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री ओमप्रकाश सकलेचा, नीमच विधायक श्री दिलीप सिंह परिहार, विधायक श्री माधव मारू, पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ नेता श्री देवीलाल धाकड़, विधायक (राजस्थान) श्री सुरेश धाकड़, अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधिगण सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

मां चंबल से प्रदेश की समृद्धि की कामना  

“गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट” के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सर्वप्रथम मां चंबल की आरती अर्पित कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और प्रगति की मंगलकामना की। इस अवसर पर उन्होंने मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर ज्ञान, संस्कृति और सृजनशीलता के संरक्षण का संदेश दिया। साथ ही उन्होंने कन्या पूजन कर नारी शक्ति के सम्मान और भारतीय परंपरा की जीवंत झलक प्रस्तुत की। गांधी सागर फॉरेस्ट रिट्रीट के आयोजक इवोक कैंपिंग की ओर से चंबल नदी की सुंदरता को प्रदर्शित करता आर्टवर्क भेंट किया। जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का बड़ी फूल माला भेंट कर स्वागत किया।

गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट

मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा “गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट” का चतुर्थ संस्करण लल्लूजी एंड सन्स और इवोक कैंपिंग (Evoke Camping के सहयोग से किया जा रहा है। चंबल नदी पर बने गांधीसागर डैम के मनोहारी बैकवाटर क्षेत्र एडवेंचर हब बनता जा रहा है।

प्रकृति की गोद में बसा यह मनोरम स्थल, अपनी 50 आलीशान, सभी मौसमों के अनुकूल टेंट सिटी के साथ एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। यहाँ साहसिक गतिविधियों का असीमित रोमांच आपका इंतजार कर रहा है, जहाँ आप जल में जेट स्की, थल पर जंगल सफारी और आकाश में पैरामोटरिंग का अनुभव कर सकते हैं। शांत जल में बोट सफारी का सुखद अनुभव और आसपास के जंगलों में रोमांचक सफारी की सुविधा भी यहाँ उपलब्ध है। इसके साथ ही, स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखने और विभिन्न इनडोर खेलों का आनंद लेने का अवसर भी आपको मिलेगा। यह स्थल प्रकृति संरक्षण और स्थानीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने वाली कार्यशालाओं के माध्यम से पर्यावरण और संस्कृति से जुड़ने का एक सुनहरा अवसर भी प्रदान करता है।

क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती

मध्य प्रदेश में पर्यटन को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने के साथ ही यह पहल क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। इन आयोजनों के माध्यम से नेचर एवं एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोमांचक गतिविधियों का अनुभव करने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। साथ ही, स्थानीय संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण के साथ नई पीढ़ी में अपनी धरोहर और प्राकृतिक संपदा के प्रति जागरूकता भी विकसित होगी।

रिपोर्टर जितेन्द्र सिंह प्रितेश फरक्या

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