नई दिल्ली
भारत साइबर हमलों में हैकर्स के लिये सबसे बड़ा टारगेट बन गया है। साइबर सुरक्षा फर्म साइफिरमा के द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार साइबर हमलों में 13.7 प्रतिशत के साथ भारत सबसे ऊपर है इसके बाद अमेरिका 9.6 प्रतिशत इंडोनेशिया 9.3 प्रतिशत और चीन 4.5 प्रतिशत हैं। इसका कारण साइफिरमा ने भारतीय सरकारी एजेंसियों पर साइबर हमलों की संख्या में अचानक अप्रत्याशित वृद्धि होना है। ग़ौरतलब है कि पिछले एक वर्ष में ही साइबर हमलों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार, हैकर्स के सबसे ज़्यादा हमले हेल्थकेयर सेक्टर में हुए उसके बाद शिक्षा, अनुसंधान, सरकार और सैन्य क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में साइबर अटैक हुए हैं।
इन साइबर हमलों में फिशिंग, मैलवेयर और रैंसमवेयर हैं।अकेले 2021 में लगभग 78 प्रतिशत भारतीय संस्थानों में रैंसमवेयर हमले हुए, जिनमें से 80 प्रतिशत हमलों के परिणामस्वरूप बहुत कुछ डेटा एन्क्रिप्शन हुआ।
इसी रिपोर्ट के अनुसार जनवरी से जुलाई 2023 के बीच भारत में विभिन्न उद्योगों को टारगेट करने वाले 39 अटैक देखे गए जिनमें फैंसीबियर, टीए505, मिशन 2025, स्टोन पांडा और लाजर ग्रुप जैसे हैकर्स के ग्रुप का हाथ संभावित था। संभावना यह भी जताई जा रही है कि इन 39 अटैक में से 14 को जासूसी के इरादे से चीन के प्रायोजित समूहों द्वारा निर्देशित किया गया जबकि लगभग 11 अटैक उत्तर कोरिया समर्थित हैकर्स की योजना के हिस्से के रूप में थे। 10 हमले रूसी खतरनाक हैकर्स ने भी किये ।
साइफिरमा के सीईओ के अनुसार विश्व में भारत की बढ़ती प्रमुखता और अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं द्वारा अन्य देशों की तुलना में भारत का पक्ष लेने की मजबूरी इसका प्रमुख कारण है। साथ ही साइबर स्पेस पर बहुत ज़्यादा दबाव एवं अपेक्षाकृत कम साइबरसेक परिपक्वता वाली एक युवा और तकनीक-प्रेमी भारतीय आबादी ने सरकारी एजेंसियों तथा वित्तीय संस्थानों पर हैकरों के हमलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
( राजीव खरे – अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो)
Leave a comment