आइसक्रीम के शौक़ीन सावधान – ख़रीदने के पहले ध्यान रखें क्वालिटी मापदंडों का।

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रायपुर
आइसक्रीम के शौक़ीनों के लिये गर्मी का मौसम नए नए फ़्लेवर लाता है पर क्वालिटी देखे बग़ैर इसे खाना नुक़सान पहुँचा सकता है। अभी हाल में ही राजस्थान के नागौर में ख़राब आइसक्रीम खाने से 3 बच्चों की जान चली गई। जाँच में पता चला है कि आइसक्रीम-कुल्फी बनाने के लिए उनमें एक्सपायरी डेट वाला बरसों पुराना रंग और फ्लेवर डाला जा रहा था। साथ ही इसे बनाने में हाइजीन का ध्यान नहीं रखा गया था जिसकी वजह से फूड पॉइजनिंग होने से इन मासूमों की जान चली गई ।

सरकार ने फूड सेफ्टी और फ़ूड क्वालिटी के संबंध में कई मानक तय किए हैं। फ़ूड प्रोडक्ट की क्वालिटी तय करने के लिए उन पर कुछ स्पेशल चिह्न या मुहर लगाई जाती हैं।इनकी पैकिंग पर FSSAI और IS के टैग्स लगे होते हैं जो इसके शुद्ध होने की पहचान होते हैं। आइसक्रीम कंपनियों को आइसक्रीम के शुद्ध होने के प्रमाण के लिये उसके डिब्बे या पैकेट पर IS 2802 मार्क लगा होता है। यह मार्क या कोड ब्यूरो ऑफ सर्टिफिकेशन जारी करता है।

आइसक्रीम किसे पसंद नहीं है, छोटे से लेकर बड़े तक इसके दीवाने होते हैं । किसी ने ख़ूब कहा है जीवन एक आइसक्रीम की तरह है,इसे पिघलने से पहले इसका आनंद लें पर सावधानी से।
( राजीव खरे राष्ट्रीय उप संपादक)

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