इंदौर मध्य प्रदेश
बालिकाओं व उनके परिजनों से संवाद स्थापित कर, उनके क्षेत्रों की समस्याओं व सुझावों के संबंध में की उनसे परिचर्चा।
बालिकाओं को सशक्त एवं स्वावलंबी बनाने की दिशा में, इंदौर पुलिस द्वारा विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर ‘‘सृजन- नई दिशा, नया गगन’’ कार्यक्रम चलाकर, किया जा रहा है सभी में सामाजिक जनचेतना लाने के प्रयास।
इंदौर । महिला अपराधों की रोकथाम एवं महिला सशक्तिकरण आदि को ध्यान में रखते हुए, सामुदायिक पुलिसिंग के तहत बालिकाओं की सुरक्षा और उन्हें सशक्त व स्वावलंबी बनाने तथा उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर मकरंद देऊस्कर के दिशा-निर्देशन में इंदौर पुलिस द्वारा ‘‘सृजन-नई दिशा नया गगन’’ का संचालन किया जा रहा है, जिसके तहत कमजोर वर्ग की बस्तियों की 12 से 18 वर्ष की आयु की बालिकाओं के समूह विकसित कर, उनसे संवाद स्थापित कर उनमें सामाजिक जनचेतना लाने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
इसी अनुक्रम में आज दिनांक 31.01.2024 को शासकीय अहिल्याश्रम विघालय क्रमांक-2 महाराणा प्रताप नगर इंदौर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बाणगंगा क्षेत्रान्तर्गत आर्थिक रूप से पिछड़ी व कमजोर वर्ग की बस्तियों/मोहल्लों में बनाई गई सृजन बालिका समूहों की 12 से 18 वर्ष की करीब 500 से अधिक बालिकाओं व उनके अभिभावकों से पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर श्री मकरंद देऊस्कर ने संवाद स्थापित कर, उनसे उनकी समस्याओं व विभिन्न सुझावों के संबंध में परिचर्चा की।
इस अवसर पर कुछ बालिकाओं ने अपने क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं जैसे उनके मोहल्ले व स्कूल के आस-पास असामाजिक तत्वों के जमावड़े व छेड़छाड़ तथा नशाखोरी आदि तथा उनकी स्वयं की सुरक्षा संबंधी बातों से पुलिस कमिश्नर को अवगत कराया। जिस पर पुलिस कमिश्नर श्री मकरंद देऊस्कर ने उनकी समस्याएं सुन उनके निराकरण हेतु निर्देश दिये और सभी बालिकाओं से कहा कि वे अपनी किसी भी प्रकार की समस्या के लिये उनके समूह के लिये जो पुलिस दीदी है, उन्हें अपनी समस्या जरूर बताएं। वे पुलिस दीदी को एक पुलिसकर्मी न मानते हुए अपनी बड़ी दीदी ही माने और उसी प्रकार उनसे व्यवहार रख अपनी हर बात उनसे शेयर करें।
साथ ही उन्होनें बालिकाओं के साथ महिला पुलिस कर्मियों से भी कहा कि इस सृजन कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यही है कि बालिकाओं में सुरक्षा की भावना बढे, वें सशक्त व स्वावलंबी हो। उनमें इतना आत्मविश्वास आ जाए कि वह जीवन में अपने लक्ष्य निर्धारित कर, भविष्य में कुछ बन सके तथा वह अपने प्रति होने वाले अपराधों एवं उत्पीड़न के प्रति जागरूक हो और इनके विरुद्ध बिना किसी डर और हिचक के आवाज उठा सके यही हमें इस अभियान के तहत जनचेतना लानी है।
अति. पुलिस आयुक्त मनोज कुमार श्रीवास्तव ने उक्त सृजन कार्यक्रम की कार्य संरचना के बारे में बताया और कहा कि हम सभी मिलकर इसके लिये कार्य कर रहे है लेकिन हमारें यह प्रयास तभी सार्थक हो पाएंगें जबकि आप सभी बालिकाओं में ऐसी जनचेतना व आत्मविश्वास आएं कि, आप सभी बिना डर व परेशानी के अपने भविष्य निर्माण की ओर अग्रसर हो। और इसके लिये आप सभी को अपनी कोई भी समस्या व परेशानी को पुलिस दीदी को जरूर बताना है यह बात हमेशा ध्यान रखें।
कार्यक्रम में आई कुछ बालिकाओं ने स्वंय अपने हाथों से बनाई कलाकृतियों को अतिथि अधिकारियों को भेंट कर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर बालिकाओं ने कविताएं एवं नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां दी, जिन्हें पुलिस अधिकारियों नें पुरस्कार देकर पुरस्कृत भी किया गया। साथ ही 26 जनवरी 2024 को नेहरू स्टेडियम में आयोजित समारोह में शानदार परेड का प्रदर्शन करने वाले , सृजन कार्यक्रम की बालिकाओं के प्लाटून की सदस्य बालिकाओं एवं परेड सिखाने वाले पुलिस कर्मियों को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
किसी विकट परिस्थिति में वे अपनी आत्मरक्षा कैसे करें इसके लिए एक्सपर्ट ने उन्हें सेल्फ डिफेंस के टिप्स भी बताएं और रिजर्व इंदौर मध्य प्रदेश पुलिस संगठन ने बच्चों को खेल खेल में यातायात के नियमों से भी अवगत करवाया।
कार्यक्रम का सफल संचालन सहायक पुलिस आयुक्त अपूर्वा किलेदार द्वारा किया गया तथा उक्त सफल कार्यक्रम पर सभी के प्रति आभार व धन्यवाद, पुलिस उपायुक्त श्री जगदीश डावर द्वारा व्यक्त किया गया।
उक्त कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) इंदौर मनोज कुमार श्रीवास्तव, पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) इंदौर जगदीश डावर, पुलिस उपायुक्त ज़ोन-3 हंसराज सिंह, अति. पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) सीमा अलावा, सहायक पुलिस आयुक्त हीरा नगर धैर्यसिंह येवले, सहायक पुलिस आयुक्त (महिला सुरक्षा/मुख्यालय) अपूर्वा किलेदार, रक्षित निरीक्षक दीपक कुमार पाटिल, महिला थाना प्रभारी प्रीति तिवारी, उप निरीक्षक शिवम ठक्कर सहित बाणगंगा क्षेत्र की विभिन्न बस्तियों/कॉलोनियों की कमजोर वर्ग की 12 से 18 वर्ष उम्र की करीब 500 बालिकाएं व उनके अभिभावकगण, आगनवाड़ी सुपरवाइजर एवं कार्यकर्ता, विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी, आस पास के क्षेत्र के स्कूलों के प्राचार्य व शिक्षकगण तथा बालिका समूहों की पुलिस दीदीयां (महिला पुलिसकर्मी) और अन्य पुलिस अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे ।
रिपोर्ट अनिल भंडारी
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