जबलपुर — मध्यप्रदेश।
जबलपुर– जबलपुर में आकस्मिक परिस्थिति में आपरेशन कर,, डाक्टरों ने 15 साल के किशोर की जान बचा ली। घटना नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कालेज सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की है। अंडकोष में घुमाव के कारण युवक दर्द से छटपटा रहा था। अंडकोष की नसों में रक्तस्त्राव बंद हो चुका था जिससे उसके खराब होने का खतरा था। जानकारी के मुताबिक सोमवार सुबह 15 वर्षीय किशोर अंडकोष में दर्द के कारण छटपटा उठा। स्वजन से उसकी हालत नहीं देखी गई और वे उसे लेकर सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पहुंचे। यूरोलाजी विभागाध्यक्ष डा. फणींद्र सोलंकी ने किशोर की जांच की तो पता चला कि उसका अंडकोष घूम गया है जिसे चिकित्सा की भाषा में टार्शन आफ टेस्टिस बीमारी कहा जाता है।
*चार घंटे के भीतर आपरेशन-*
डा. साेलंकी ने स्वजन को बीमारी की गंभीरता की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अंडकोष घूम जाने के कारण नस में गठान लग गई है जिससे रक्तस्त्राव अवरुद्ध हो गया है। चार घंटे के भीतर आपरेशन न होने पर अंडकोष खराब हो सकता है। स्वजन आपरेशन कराने के लिए तैयार हो गए। आवश्यक जांचे करवाने के बाद मरीज को आपरेशन थिएटर ले जाया गया। जहां आपरेशन कर अंडकोष को सीधा किया गया। भविष्य के दोबारा ऐसी स्थिति निर्मित न हो इसके लिए अंडकोष को सीधा कर फिक्स कर दिया गया।
*एक लाख में एक ही बचता है-*
डा. सोलंकी ने बताया कि किसी चोट अथवा जन्मजात विकृति के कारण टार्शन आफ टेस्टिस की स्थिति निर्मित होती है। समय पर उपचार के अभाव में एक लाख में से एक मरीज का ही अंडकोष बच पाता है। टार्शन आफ टेस्टिस की दशा में 4-6 घंटे के भीतर आपरेशन कर अंडकोष का सीधा किया जाना आवश्यक होता है। आपरेशन में यूरोलाजिस्ट डा. अविनाश ठाकुर, डा. अनुराग दुबे, डा. प्रवीन लखेरा, डा. अरविंद कुमार तथा निश्चेतना विशेषज्ञ डा. अपर्णा तामस्कर, डा. अमित जैन का सहयोग रहा।। संवाददाता नरेश चौधरी की रिपोर्ट
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