छत्तीसगढ़
रायपुर
सुधा सोसाइटी फाउंडेशन ने अपनी ओपन पाठशाला , आमासिवनी , रायपुर, में विद्यार्थियों के साथ “विश्व पर्यटन दिवस” का विगत दिवस आयोजन किया।
इस दिन का मुख्य उद्देश्य भारत के विविध और मनमोहक पर्यटन स्थलों को लोगों के सामने लाना है, ताकि उन्हें वैश्विक स्तर पर उभारा जा सके ।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बी के . गुप्ता प्रकाश इंडस्ट्रीज़ उरला के पूर्व प्रेसिडेंट थे। गोपाल कृष्ण भटनागर , सुधा सोसाइटी के , चेयरमैन , ने बताया कि पर्यटन देश विदेश के लोगों को एक साथ लाता है। इस विश्व पर्यटन दिवस पर, हम पर्यटन और शांति के बीच गहरे संबंध पर विचार करते हैं।सतत पर्यटन रोजगार पैदा कर सकता है, समावेशन को बढ़ावा दे सकता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकता है।
पर्यटन दो पड़ोसियों के बीच आर्थिक सहयोग को भी बढ़ावा दे सकता है । पर्यटन क्षितिज को व्यापक बनाता है। प्रत्येक यात्री एक राजदूत हो सकता है, जो स्थानीय आबादी के साथ सम्मानपूर्वक जुड़ सकता है, हमारी विविधता और साझा मानवता और उन मूल्यों को पहचान दे सकता है जो हम सभी को एकजुट करते हैं।
उन्होंने बताया कि पर्यटन भारत की संस्कृति में प्राचीन काल से है ।ह्वेन त्सांग (युआन च्वांग) एक चीनी बौद्ध तीर्थयात्री था जो राजा हर्षवर्धन के शासनकाल में भारत आया था। वह 630 ईस्वी में आया था और वह 15 वर्षों तक रहा। उसने कश्मीर, सियालकोट, कन्नौज और नालंदा जैसे मठों में हीनयान और महायान बौद्ध धर्म का अध्ययन किया ।
चन्द्रगुप्त द्वितीय के समय , चूंकि बौद्ध धर्म भारत से ही चीन गया था, फाह्यान वहाँ से भारत आया । उसके आने का प्रमुख उद्देश्य बौद्ध धर्म के आधारभूत ग्रन्थ ‘त्रिपिटक’ में से एक ‘विनयपिटक’ को ढूंढ़ना था। फाह्यान पहला चीनी यात्री था ।
इस अवसर पर टूरिज्म पर एक क्विज कम्पटीशन भी आयोजित किया गया । मुख्य अतिथि ने बच्चों को पुरस्कृत किया और कहा कि छत्तीसगढ़ में बहुत से पर्यटन स्थल हैं, जिनका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है । पर्यटन यहाँ के लोगो को बहुत रोज़गार दे सकता है । सुधा फ़ाउंडेशन के बहुत से कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में उपस्थित थे, जिन्होंने कार्यक्रम में सहयोग दिया।
( रायपुर ब्यूरो)
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