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सीएमएस स्कूल में नौवीं के छात्र को आया हार्ट अटैक, हार्ट अटैक से हुई मौत से डॉक्टर भी हुए हैरान, पिता ने उठाए सवाल

लखनऊ के सिटी मांटेसरी स्कूल (सीएमएस) के अलीगंज ब्रांच में कक्षा नौ के छात्र आतिफ सिद्दीकी (14 वर्ष) की संदिग्ध परिस्थितियों में अचानक गिरकर मौत हो गई। पुलिस का कहना था कि मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। पोस्टमार्टम के बाद, छात्र का हृदय व विसरा जांच के लिए भेजा गया है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही, स्थिति स्पष्ट होगी। आपको बता दें छात्र के पेट पर काला निशान भी मिला है। सीएमएस के प्रवक्ता ऋषि खन्ना का कहना था कि आतिफ केमिस्ट्री की क्लास के दौरान अचानक बेहोश हो गया। स्कूल के टीचर व नर्स कार से उसे पास के आरुशी मेडिकल सेंटर ले गए। उसके पिता को भी फोन से जानकारी दी गई। वह भी आरुशी मेडिकल सेंटर पहुंचे। वहां डॉक्टर ने बच्चे को सीपीआर दिया, लेकिन होश नहीं आया। डॉक्टर ने हार्ट अटैक की आशंका जताते हुए उसे लारी कार्डियोलॉजी रेफर किया। ऑक्सीजन सपोर्ट पर एंबुलेंस से लारी कार्डियोलॉजी ले जाया गया।
लारी के प्रवक्ता डॉ.अक्षय प्रधान ने बताया कि बच्चे की इमरजेंसी में पहुंचने से पहले ही मौत हो चुकी थी।
इस मामले में अब आतिफ के पिता मो.अनवर सिद्दीकी ने स्कूल पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “मेरे पास फोन आया कि आतिफ की तबीयत खराब है। उसे लेकर आरुशी मेडिकल सेंटर लेकर जा रहे हैं।”, “पर स्कूल की ओर से दो अलग-अलग बातें बताई गईं। पहली टीम ने कहा कि आतिफ उस समय क्लास में था जब यह घटना घटी। दूसरी टीम का कहना था घटना के समय वह ग्राउंड पर था।” अनवर के अनुसार, “आतिफ की आंखें लाल थीं और पूरा शरीर पीला पड़ गया था।”
सीएमएस स्कूल में बच्चे की अचानक हुई मौत ने आमजन के साथ ही डॉक्टरों को भी हैरत में डाल दिया है। डॉक्टरों के अनुसार इस तरह अचानक गिरकर हुई मौत को हार्ट फेल्योर मान लिया जाता है। हालांकि, यह बात गौर करने वाली है कि इस उम्र में हार्ट फेल्योर की आशंका कम होती है। इस तरह होने वाली अचानक मौत की वजह अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं। इसलिए पोस्टमार्टम में यदि वजह साफ नहीं होती है, तो फिर विसरा और हार्ट की जांच से ही स्थिति स्पष्ट हो सकती है। डॉक्टरों के अनुसार इस उम्र में दिल का दौरा पड़ने या फेल होने की आशंका कम रहती है, लेकिन आनुवांशिक बीमारी इसका कारण जरूर बन सकती है। इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट नाम की दिल की बीमारी में मरीज की धड़कन तेज हो जाती है।
चिकित्सीय भाषा में इसे इलेक्ट्रिकल इम्बैलेंस कहते हैं। इसमें भी मरीज की अचानक मौत हो सकती है। ऐसी मौत भी व्यायाम या फिर ज्यादा मेहनत करने के समय ही होती है। दिल की जन्मजात बीमारियां, या कोई दूसरी समस्या भी जानलेवा हो सकती है। इसलिए बच्चे की हिस्ट्री के साथ ही पारिवारिक इतिहास की जानकारी अहम है। कोलेस्ट्रॉल की गड़बड़ी भी इस तरह की मौत का कारण बन सकती है। कोलेस्ट्रॉल में गड़बड़ी होने पर भी सीने में दर्द, जकड़न या दबाव के साथ ही थकान और कमजोरी के लक्षण जरूर नजर आएंगे।
“पोस्टमार्टम कराया गया, लेकिन मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। विसरा और हार्ट जांच के लिए सुरक्षित रखा गया है। इसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी” – एआर शंकर, एडीसीपी नॉर्थ
अब सवाल यह उठता है सीएमएस के प्रवक्ता ऋषि खन्ना की बातों से छात्र के पिता और डॉक्टर दोनों संतुष्ट नहीं हैं। कोई भी स्कूल हो अपनी साख और इज्ज़त बचाने की कोशिश में झूट भी बोल सकता है, पर क्या छात्र और छात्रा के जीवन की कोई कीमत नहीं है, स्कूल की नज़र में ?। स्कूल में छात्र और छात्रा के साथ या उसके सामान के साथ दुर्व्यवहार और छेड़छाड़ भी आम हो गया है। ऐसे में सरकार द्वारा ढील देने पर स्कूल अपनी मनमानी से चलते हैं। पुलिसवाला न्यूज़ के लिए आगरा उत्तर प्रदेश से

प्रदीप दुबे

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