डिंडौरी मध्यप्रदेश
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“डिंडौरी जिले के शहपुरा में किसानों ने फसल बचाने के लिए किया श्रमदान, बिलगांव सिंचाई परियोजना नहर में पांच साल से जमी गंदगी हटाई”
डिंडौरी जिले के शहपुरा में स्थित बिलगांव सिंचाई परियोजना हमेशा सवालों के घेरे में रही है। इस बार फिर किसानों को सिंचाई विभाग की उदासीनता के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहपुरा क्षेत्र में पिछले सप्ताह से बारिश नहीं होने की वजह से खेतों में सूखा पड़ गया है, और नहरों में पानी का बहाव काफी कम हो गया है।
किसानों का कहना है कि सिंचाई विभाग ने नहर तो बना दी हैं, लेकिन पिछले पांच वर्षों से नहरों की सफाई नहीं कराई गई, जिससे खरपतवार और गंदगी जमा हो गई है। इसके कारण मुख्य कैनाल के गेट खोले जाने के बावजूद पानी खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
नहर की जर्जर हालत और गंदगी के कारण किसानों को फसल सूखने का डर सताने लगा, और उन्होंने खुद नहर की सफाई करने का निर्णय लिया। किसानों ने श्रमदान कर नहर की सफाई की और उम्मीद जताई कि अब पानी का बहाव तेज होगा और उनकी फसलें बच जाएंगी।
क्षेत्र के किसानों का कहना है कि उनकी सबसे बड़ी मांग यही है कि फसलों में समय पर पानी मिल सके। लेकिन सिंचाई विभाग की लापरवाही के चलते उन्हें यह सुविधा नहीं मिल पा रही थी। मजबूर होकर किसानों ने श्रमदान करते हुए नहर की सफाई की और अब उन्हें उम्मीद है कि पानी का बहाव बेहतर होगा।
प्रशासन पर उठते सवाल
यह घटना एक बार फिर प्रशासनिक व्यवस्था की लापरवाही को उजागर करती है। जब किसान अपनी मेहनत और श्रम से अपनी समस्या का समाधान करने को मजबूर हो जाएं, तो यह सोचने वाली बात है कि सरकारी विभाग कब जागेंगे और अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे?
किसानों ने एकजुट होकर यह दिखाया है कि उनकी मेहनत किसी भी चुनौती से पार पाने में सक्षम है। हालांकि, अब देखने वाली बात यह है कि क्या सिंचाई विभाग इस घटना से सबक लेकर भविष्य में किसानों की समस्याओं का समाधान समय पर करेगा या नहीं
रिपोर्ट अखिलेश झारिया
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