टीकमगढ़ पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह मंडलोई द्वारा “साइबर अपराधों” से बचाव एवं जागरूकता हेतु जिला स्तर पर साइबर सुरक्षा एवं जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है जिसमें आमजन को जागरूक करने हेतु ‘ सप्ताहिक एडवाइजरी’ भी जारी की है।
वर्तमान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तनाव के परिदृश्य को दृष्टिगत रखते सिम विक्रेताओं एवं पीओएस प्वाइंट पर सिम विक्रय करने वालों के लिए एडवाइजरी जारी की जा रही है जिसमें दिए बिंदुओं को सिम विक्रेता के साथ आमजन भी समझे व जागरूक बनते हुए सुरक्षा के मानको का अनिवार्यतः पालन करें।
♦️ सिम विक्रेता सिम बेचते समय सही पहचान की पुष्टि करें (Know Your Customer & KYC) (ग्राहक का Aadhaar, वोटर ID, पासपोर्ट, या अन्य वैध दस्तावेज की जांच करें, केवल E-KYC या डिजिटल KYC के माध्यम से सिम जारी करें, ग्राहक की फोटो KYC ऐप से तुरंत खींचना अनिवार्य है, पहले से सेव की गई फोटो या डॉक्युमेंट अपलोड नहीं करें।
♦️ सिम क्रेता का बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य – आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन आवश्यक है, ग्राहक स्वयं उपस्थित होना चाहिए, किसी और व्यक्ति की बायोमेट्रिक से सिम देना गैरकानूनी है।
♦️ सीमित सिम जारी करें- एक ग्राहक को एक पहचान पर Bulk sim card नहीं दे, अधिक sim जारी करने पर एजेंट की जिम्मेदारी तय होगी।
♦️ सिम स्वैप या रिप्लेसमेंट में सतर्कता – सिम खोने की स्थिति में नया सिम देने से पहले सही तरीके से पुलिस रिपोर्ट, KYC और पुराने रिकॉर्ड की पुष्टि करें, सिम स्वैप का उपयोग साइबर फ्रॉड में होता है अतः सावधानी रखें।
♦️ संदिग्ध ग्राहक या ट्रांजेक्शन की सूचना दे– अगर कोई ग्राहक बार-बार सिम बदलता है, फर्जी नाम देता है, या जल्दी-2 सिम एक्टिवेट करता है, तो इसकी जानकारी नजदीकी पुलिस थाने या टेलीकॉम कंपनी को दें।
♦️ सभी सिम रिकॉर्ड रखें – ग्राहक का नाम, मोबाइल नंबर, ID नंबर, फोटो, आदि सुरक्षित रिकॉर्ड में रखें, ये रिकॉर्ड कम-से-कम 2 वर्ष तक सुरक्षित रखें।
♦️ सिक्योरिटी अलर्ट – POS एजेंट का ID अगर किसी फर्जी एक्टिवेशन में इस्तेमाल होता पाया जाता है तो उस पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
♦️ अनधिकृत सॉफ्टवेयर या प्रक्रियाओं से बचें – किसी भी थर्ड पार्टी ऐप या टूल से सिम एक्टिवेशन करना मना है, सिर्फ कंपनी द्वारा अनुमोदित टर्मिनल या ऐप का ही प्रयोग करें।
” टीकमगढ़ पुलिस द्वारा जनहित में जारी “
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