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सफलता की कहानी- 1 परिवार और रिश्तों को बचाने का कार्य में अव्वल वन स्टॉप सेंटर इंदौर

इंदौर मध्य प्रदेश
महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत जिला कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधौलिया के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार की योजना वन स्टॉप सेंटर सखी को सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है ।

प्रशासकडॉक्टर वंचना सिंह परिहार का भरसक प्रयास रहता है कि हर महिला की समस्या समाधान हो सके।केंद्र पर परिवर्तित नाम , जुबेदा का आवेदन आया कि पति मारपीट करता है ।वह दूसरी महिला के साथ संपर्क रखा है ।उसे पर ध्यान नहीं दे रहा है।पति के साथ रहना मुश्किल हो गया है। परामर्श चाहती हूं। पति को बुलाकर कथन हुए, पति ने परामर्श के लिए हामी भरी।
दोनों का एकल और फिर संयुक्त परामर्श सत्र हुए।पीड़िता की हर समस्या और शिकायत पर सिलसिले बार से चर्चा हुई।
पति का कहना है की पत्नी बार-बार मायके चले जाती है।
पति का कहना है कि उनके माता-पिता बहुत ही बूढ़े हो चुके हैं और उनको अभी सेवा की जरूरत है परंतु मेरी पत्नी सेवा नहीं करती है। पत्नी मुझ पर शक करती है कि मेरा दूसरी किसी औरत के साथ चक्कर चल रहा है।कुछ देर में ही परामर्श के बीचो-बीच मामला ठंडा होता गया और दोनों पति-पत्नी अपनी गलतियों को समझने लगे।पीड़िता ने परामर्श के दौरान कहा कि वह सही जगह आई हु,किसी ने उनको वन स्टॉप सेंटर के बारे में बताया था कि वहां जाओ तुम्हारी सुनवाई होगी।जुबेदा के पति को समझाया गया कि किसी भी परिस्थिति में पत्नी पर हाथ नहीं उठाना है और यह प्रताड़ना का हिस्सा है यह कानूनन गलत है। दोनों पति-पत्नी अपने-अपने व्यवहारों का बदलाव करेंगे और अपने जिम्मेदारियां का पालन करेंगे अपने बच्चों के भविष्य का ध्यान रखेंगे और इस तरह से वन स्टॉप सेंटर ने एक और परिवार को टूटने से बचाया।पति-पत्नी दोनों ने ही वन स्टॉप सेंटर के समस्त स्टाफ को धन्यवाद दिया।

 

 

सफलता की कहानी–2
पति-पत्नी के बीच संवाद स्थापित कर वन स्टॉप से सेंटर ने बचाया पारिवारिक जीवन
दिनांक 31.1.2025 को महिला अनामिका परिवर्तित नाम द्वारा कार्यालय में आवेदन दिया गया कि पति साथ नहीं रखता, पति खर्चा नहीं दे रहा। पति प्रताड़ित करता है।
प्रशासक डॉक्टर वंचना सिंह परिहार ने पहले पूरी घटनाक्रम सुना फिर कथन एवं अन्य आवश्यक कार्यवाही के लिए केस वर्कर व परामर्श दात्री को दिशा निर्देशित किया गया। पीड़िता के आवेदन पर पति को कार्यालय में बुलाया गया।
पति का कथन लिया गया व परामर्श दिया गया एकल व संयुक्त परामर्श के लिए,
पति ने हामी भरी एकल व संयुक्त परामर्श के लिए।
एकल व संयुक्त परामर्श का आयोजन किया गया।
परामर्श के दौरान पति-पत्नी छोटी-छोटी बातों पर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करने लगे।
परामर्श दात्री द्वारा शांतिपूर्वक दोनों की बातें सुनी गई।
परामर्श के दौरान परामर्श दात्री द्वारा पति-पत्नी को समझाया गया की पति पत्नी की आपसी छोटी-छोटी लड़ाई जिसको बैठकर आराम से सुलझाया जा सकता , किंतु वह विवाद का रूप ले लिया और पत्नी पति से दूर रहने लगे जिसका प्रभाव बच्चों के भविष्य पर भी गलत पड़ रहा है।
पति-पत्नी दोनों ने अपनी अपनी गलतियों को समझा एवं भविष्य में इस गलती को दोबारा न करने का फैसला भी किया।
पति को यह भी समझाया गया कि किसी भी परिस्थिति में पत्नी पर हाथ न उठाया जाए यह कानूननगलत है।
पति-पत्नी दोनों आपसी सहमति से नया शुरुआत करना चाहते और अपने बच्चेका ध्यान रखेंगे।
पति पत्नी द्वारा वन स्टॉप सेंटर का धन्यवाद किया गया।

सफलता की कहानी -3

“ना समझी से उपजे विवाद से वन स्टॉप सेंटर ने बचाया टूटे घर को”

31.1.2025 को को रीना परिवर्तित नाम पति आकाश द्वारा केंद्र पर शिकायत लेकर आई।शादी के 2 साल हो गए हैं , पति अलग रह रहा है। रीना के आवेदन पर पति को कार्यालय में बुलाया गया । प्रशासक डॉक्टर वंचना सिंह परिहार महोदय ने सारी घटनाक्रम सुनने के बाद कैसवर्कर को केस हस्तांतरित करके परामर्श हेतु निर्देशित किया।पति का कथन लिया गया अब एकल व संयुक्त परामर्श का परामर्श दिया गया। पति आकाश परिवर्तित नाम ने परामर्श के लिए हामी भरी।
पति-पत्नी के लिए संयुक्त परामर्श का आयोजन किया गया। पति-पत्नी के समझाइए के के दौरान यह बात स्पष्ट हुई कि पति-पत्नी के परिवारों के बीच में मनमुटाव है, जिसका प्रभाव पति-पत्नी के रिश्ते पर पढ़ रहा है।पति-पत्नी को समझाइए दी गई की परिवार वालों के साथ संयुक्त परामर्श सत्र रखने का।
पति वा पत्नी दोनों ने हामी भरी की दोनों के परिवार उपस्थित हो और हमारे बीच की पारिवारिक दूरी दूर हो तो हम एक अच्छा जीवन व्यतीत कर पाएंगे।

कार्यालय में पति व पत्नी के दोनों पक्षों के परिवारों को बुलाया गया परामर्श के लिए।
संयुक्त परामर्श के दौरान कई बातें सामने आई जिसमें कई बिंदुओं पर चर्चाएं हुई ।
जिसमें पीड़िता के अनुसार परिवार में काफी सदस्य होने के कारण वह कम नहीं कर सकती अभी उनका एक छोटा

बच्चा है और परिवार में से अगर कोई उनके बच्चे को संभाल ले तो वह काम कर सकती है। परामर्श दात्री द्वारा इस बिंदु पर दोनों पक्षों को समझाया गया कि घर के काम की जिम्मेदारी सभी बहू पर अलग-अलग रखी जाए तो किसी पर भी ज्यादा काम नहीं रहेगा और जिससे सभी को अपने परिवार में भी समय मिलेगा और सेहत भी अच्छा रहेगा। ससुराल पक्ष के सास ससुर द्वारा इस बिंदु पर सहमति दी गई वा चारों बेटे

व बहू की कामों की जिम्मेदारी बांटी गई।
पीड़िता रीना खुश होकर ससुराल जाने के लिए अपनी सहमति दी।
पीड़िता रीना वा पति आकाश ने वन स्टॉप सेंटर को धन्यवाद दिया कि वह अब अपना जीवन निर्वाह खुशी खुशी करेगी।

रिपोर्ट अनिल भंडारी

 

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