जबलपुर
किसी के प्रभाव के कारण आखिरकार कब तक सच को दबाया जाएगा। आखिरकार जिम्मेदारों की नजर वास्तविकता पर क्यों नहीं पड़ रही है। उच्चशिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों की अनदेखी एवं संरक्षण के कारण प्रदेश के युवा छात्र छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। राजनैतिक एवं विभागीय संरक्षण से विश्वविद्यालय संचालन के नाम पर नियमों को धता बताते हुए छात्र हित एवं देशहित से खिलवाड़ किया जा रहा है। प्रमाणित तथ्यात्मक जानकारी देने के उपरांत भी सचिवालय उच्च शिक्षा विभाग एवं अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग जबलपुर संभाग की स्पष्ट अनदेखी से ही हो रहे हैं अवैधानिक कृत्य । देश के प्रधानमंत्री जी की शिक्षा नीति 2020 के नियमों एवं निर्देशों तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों की लगातार स्पष्ट अवहेलना हो रही है। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने शिक्षा नीति 2020 लागू की । महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय कटनी को निर्धारित मानदंड को प्राप्त करने पर संस्था विशेष द्वारा दी गई अधिकृत मान्यता; प्रत्यायन ( NAAC) 01/11/2023 तक की ही थी । यूजीसी के नियमों एवं आदेशों की स्पष्ट अनदेखी करते हुए संपूर्ण प्रदेश में प्रवेश एवं परीक्षा केंद्र संचालित कर रहे हैं। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण विजय नगर जबलपुर में जिस बिल्डिंग में यह अनाधिकृत परीक्षाकेन्द्र संचालित है उसी बिल्डिंग में विश्वविद्यालय के कुलसचिव का दफ्तर है जहाँ अरविंद सिंह राजपूत पदस्थ है, उपकुलसचिव प्रशासन अशोक चौहान, निदेशक नमिता पाठक, उपकुल सचिव परीक्षा, निदेशक शिक्षा नमिता पाठक, बृजकिशोर शुक्ला, संदीप शर्मा, अखिलेश जैन सभी यहीं बैठते हैं एवं परीक्षा संबंधी विभागीय गोपनीय कार्य भी यहीं से संचालित हैं । साथ ही एक अन्य विश्वविद्यालय महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय C/Oमहर्षि शिक्षा संस्थान भी यहीं से संचालित है तथा महर्षि विद्या मंदिर के नाम से एक स्कूल भी इसी बिल्डिंग में संचालित है। इन प्रमाणित तथ्यों को अनदेखी करते हुए शासन प्रशासन के अधिकारी और उच्च शिक्षा मंत्री गंभीरता पूर्वक संज्ञान क्यों नहीं ले रहे हैं यह भी एक गंभीर विषय है। आखिर कब तक सच को दबाया जाएगा। पुलिसवाला इसके हर सच को इसकी हर वास्तविकता को धरातल से प्रसारित और प्रकाशित करते रहेगा। सुधाकर सिंह राजपूत लगातार इन मुद्दों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। सुधाकर सिंह मानते हैं कि सत्य प्रताड़ित हो सकता है परास्त नहीं।
रिपोर्ट – पुलिसवाला डेस्क
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