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सतना मे विभिन्न महिला संगठनों ने किया रामजानकी पद यात्रा का स्वाग

वाटर वुमेन शिप्रा पाठक ने कहा अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने से भारत में नवीन अध्यात्म का हुआ जागरण
माता जानकी ने रामायणयुग में ही दिखाया था महिला
सशक्तिकरण

वाटर वूमेन शिप्रा पाठक अपनी 4 हज़ार किलो मीटर लंबी राम जानकी वन गमन पद यात्रा पर निकली हुई हैं। उनकी यह पद यात्रा अयोध्या के सरयू घाट से प्रारंभ होकर रामेश्वरम के सागर तक जायेगी इसीलिए भारत में इस यात्रा को सरयू से सागर के नाम से भी जाना जा रहा है। अपनी पद यात्रा के क्रम में आज शिप्रा की राम जानकी वन गमन पद यात्रा सतना से प्रारंभ होकर मैहर तक पहुंचेगी। पद यात्रा सतना के मुख्य बाजार से रेलवे स्टेशन होते हुए मैहर की ओर रवाना हुई।

मानवाधिकार सुरक्षा महिला संगठन की महिलाओं ने अपने कार्यालय पर शिप्रा का भव्य स्वागत किया इससे पहले भी कई महिला संगठनों ने जगह जगह रोककर वाटर वूमेन को मिष्ठान खिलाकर श्रद्धापूर्वक नगर से विदा किया। मातृ शक्ति को संबोधित करते हुए वाटर वूमेन ने कहा कि जिस महिला सशक्तिकरण की हम लोग आज बात करते हैं माता जानकी ने उसे रामायणयुग में ही दिखा दिया।आज माता जानकी के चरित्र को हमारी युवा पीढ़ी रावण के हरण तक और एक पतिव्रता महिला तक ही जानती है इससे अधिक जानने की कोशिश नही करती। उन्होंने माता जानकी के बारे में बताते हुए कहा कि बिना पिता के संरक्षण के लव कुश को दिए गए संस्कार तथा पूरे समाज से लड़ते हुए अपने स्वाभिमान की रक्षा करते हुए धैर्य न खोते हुए उन्होंने अपना जीवन जिया। उन्होंने कभी यह परवाह नही की कि संसार क्या कहेगा बल्कि अपने कर्तव्य पथ पर चलती रही। वाटर वूमेन शिप्रा के ओजस्वी वचनों से मातृ शक्तियां खासी भावुक हो गई।मानवाधिकार सुरक्षा महिला संगठन की जिला अध्यक्ष गीता सिंह ने अपनी पूरी टीम के साथ वाटर वूमेन शिप्रा पाठक का स्वागत करते हुए कहा कितना सुंदर दृश्य है एक तरफ भव्य राम मंदिर बन रहा है वहीं दूसरी ओर भगवान राम का नाम लेकर हमारी मातृ शक्ति शिप्रा पाठक राम जानकी के पद चिन्ह पर पैदल चल पड़ी है। उन्होंने कहा शिप्रा उन लोगों के लिए एक उदाहरण है जो कहते है महिला पुरुष के बराबर कार्य नही कर सकती उन्होंने कहा आज का भारत नव निर्माण की ओर अग्रसर है जिसमें शिप्रा पाठक जैसे लोग अकेले इतनी बड़ी पद यात्रा करने निकल पड़े हैं। महिला संगठन की जिला सचिव रचना अवस्थी ने कहा कि शिप्रा पाठक जैसे चंद लोग है जो वास्तविक रूप से अध्यात्म और पर्यावरण जागरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश के अयोध्या से रामेश्वरम तक की यात्रा में महाराष्ट्र,कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे प्रदेशों से पैदल चलने का संकल्प लेना कोई आसान बात नहीं है।इस दौरान काव्य कुंज महिला ब्राह्मण संगठन के पदाधिकारियों ने भी शाल ओढ़ाकर वाटर वूमेन का स्वागत किए। इस दौरान स्वागत करने वालों में मुख्य रूप से गीता सिंह,मीनाक्षी नेमा,बिंदु श्रीवास्तव,रचना शर्मा,दीपा नेमा, रोमी शर्मा,सुधा तिवारी,अर्चना तिवारी रहे। पदयात्रा शिव प्रकाश द्विवेदी के संयोजन में निकाली गई।

रिपोर्ट – विजय सिंह गहरवार सतना

 

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