रायपुर छत्तीसगढ़
रायपुर के पुरानी बस्ती स्थित शीतला माता मंदिर में भक्तो की भीड़ है
माता शीतला के भक्तों के लिए यह पर्व बेहद ही खास होता है। शीतला अष्टमी के दिन पूजा के समय माता शीतला को पर मीठे चावलों का भोग लगाया जाता है। खासतौर पर इस दिन मां शीतला को बासी पकवानों का भोग लगाया जाता है और खुद भी बासी और ठंडा भोजन ग्रहण किया जाता है।हर साल चैत्र मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानी होली के आठ दिन बाद शीतला अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस दिन माता शीतला की पूजा-आराधना का विधान है। शीतला अष्टमी को बसौड़ा या बसोड़ा भी कहा जाता है। माता शीतला के भक्तों के लिए यह पर्व बेहद ही खास होता है। शीतला अष्टमी के दिन पूजा के समय माता शीतला को पर मीठे चावलों का भोग लगाया जाता है। ये चावल गुड़ या गन्ने के रस से बनाए जाते हैं। खासतौर पर इस दिन मां शीतला को बासी पकवानों का भोग लगाया जाता है और खुद भी बासी और ठंडा भोजन ग्रहण किया जाता है। मान्यता है कि शीतला अष्टमी के दिन पूरे विधि विधान के साथ पूजा करने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख शांति बनी रहती है।
रिपोर्ट- मयंक श्रीवास्तव
Leave a comment