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लखनादौन के शासकीय महाविद्यालय में “हमारी विरासत” कार्यक्रम के संग्रह से वेदिक काल से लेकर अभी तक के सिक्कों की प्रदर्शनी का आयोजन

लखनादौन

लखनादौन के शासकीय महाविद्यालय में “हमारी विरासत” कार्यक्रम के बैनर तले शंकरजीत संग्रह एवम कल्चुरी शोध संस्थान के संग्रह से वेदिक काल से लेकर अभी तक के सिक्कों की प्रदर्शनी का आयोजन मुख्य संग्रहकर्ता डॉ. अजय जायसवाल के मार्गदर्शन में किया गया, कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के पूजन से की गई तत्पश्चात आयोजन समिति के सदस्य लेखक एवं विज्ञान संचारक अजीज राय द्वारा सिक्को की महत्वता एवं प्रदर्शनी के आयोजन के उद्देश्य एवं सिक्कों के चलन की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी गई वहीं दूसरी और समिति के सदस्य विवेक श्रीवास्तव द्वारा लखनादौन से जुड़ी हुई पुरातात्विक जानकारी से लोगों को अवगत कराया गया एवं भविष्य में ऐसे और जागरूकता कार्यक्रम करने के संकल्प को दोहराया गया वही सिवनी से आए अन्य वक्ता अभिषेक श्रीवास्तव के द्वारा आयोजन की महत्वता को समझाया गया महाविद्यालय की ओर से प्राचार्य डॉक्टर जी एल तलवारे ने सिक्कों के संग्रह एवं उपयोगिता के बारे में लोगों को जानकारी दी जिसमें उन्होंने विभिन्न काल में प्रयुक्त मुद्रा का वर्णन किया तो वहीं जन भागीदारी के अध्यक्ष संदीप उइके ने भी आदिवासी संस्कृति और प्राचीनता को लोगों के सामने लाने पर जोर दिया इस पूरे कार्यक्रम में चित्रशक्ति वेलफेयर सोसाइटी के मुख्य पदाधिकारीयो में से एक सौरभ तिवारी की अहम भूमिका रही सभा के अंत में डॉक्टर सी.डी. शर्मा द्वारा सभी अगंतुको का कॉलेज प्रशासन की तरफ से धन्यवाद प्रेषित किया गया । आयोजित प्रदर्शनी की मुख्य विशेषता यह रही कि इसमें विश्व का सबसे छोटा सिक्का से लेकर विश्व की सबसे अधिक मूल्यवान मुद्रा का प्रदर्शन किया गया लखनादौन के गणमान्य नागरिक के साथ-साथ प्रदर्शनी में में लेखक, कवि , डॉक्टर एवं जनप्रतिनिधियों ने बढ़-चढ़कर शिरकत की महाविद्यालय एवं अन्य विद्यालयों के छात्र-छात्राओं का उत्साह देखने लायक था एवं प्रदर्शन में प्रदर्शित किए गए सिक्के अधिकतर लोगों ने जीवन में पहली बार देखे थे हमारी समाचार की टीम ने आयोजन समिति हमारी विरासत के सदस्यों से आयोजन के उद्देश्य के बारे में जानकारी ली तो हमारी विरासत समिति के सदस्यों ने बताया गया कि ऐसे कार्यक्रम जिले में और भी आयोजित किए जाएंगे साथ ही कला संस्कृति इतिहास एवं विभिन्न विधाओं की प्रदर्शनी का आयोजन समय-समय पर होते रहेगा । समिति ने बताया कि वे एक ऐसा प्लेटफार्म देना चाहते है जिसमे साधारण से साधारण व्यक्ति भी जिसके पास कोई भी गुण कला हो जैसे चित्रकला ,लेखन ,गायन वादन या अन्य संग्रह जो कला संस्कृति इतिहास से संबंधित है समिति से संपर्क कर सकता है समिति उनकी कला को प्रोत्साहित और सार्वजनिक पटल पर लाने के लिए कृत संकल्पित है।

रिपोर्टर-उत्तम गोल्हानी

 

 

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