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रक्तदाता हिमांशु तिवारी ने 22वीं बार रक्तदान कर दिया सामाजिक सद्भाव का संदेश

लोकेशन उमरिया

उमरिया-रक्त दान महादान ये सलोगन तो आपने भी कई बार सुना होगा। पर क्या आप जानते हैं कि आज भी देश में कई लोग रक्तदान की बात सुनते ही सहम तक जाते हैं।
जिले के रहने वाले हिमांशु तिवारी 25 की उम्र में 22 बार रक्तदान कर चुके है। हिमांशु तिवारी ने बताया कि जरूरतमंदों के लिए रक्तदान की शुरुआत 08 साल पहले हुई थी. इन 08 साल में वो अब तक 22 बार रक्तदान कर चुके हैं. इसका सिलसिला अब भी जारी है।
उन्होंने अब तक 22 बार ब्लड डोनेट करने के पड़ाव को पार कर रक्तवीर बनने का गौरव हासिल किया है।पहली बार उन्होंने 18 साल की उम्र में रक्तदान किया था। उन्होंन बताया कि अब वह युवाओं को रक्तदान के लिए जागरूक कर रहे हैं। जिसका नतीजा रहा कि 25 युवा उनके साथ रक्तदान के लिए तैयार हैं। जो जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से भी रक्तदान की अपील की है ताकि रक्त की कमी से किसी की जान न जाए। लोग सुरक्षित रहें।वहीं जो लोग रक्त दान करते हैं उनमें से कई लोगों का इसी रक्त दान के चलते बिना आपसी जान पहचान के खून का रिश्ता तक बन चुका है।जानकारों की मानें तो जागरुकता की कमी के चलते ब्लड डोनेशन नहीं किए जाने की स्थिति में जरूरतमंदों को समय पर ब्लड नहीं मिल पाता जिसके कारण आज भी लोग मौत का शिकार हो रहे हैं।ब्लड डोनेशन को लेकर हमारे समाज में इतनी भ्रांतियां हैं कि लोग अपने परिवार के सदस्यों को भी रक्तदान करने से डरते हैं।अंधविश्वास के कारण ब्लड बैंक में भी अक्सर कैंसर, थैलेसीमिया और एक्सीडेंट के मरीजों को ब्लड के लिए परेशान होना पड़ता है। इस बीच युवा हिमांशु तिवारी ऐसे भी हैं जो न सिर्फ ब्लड डोनेशन कर रहे हैं बल्कि अन्य को प्रेरित भी कर रहे हैं।कोई हर तीन माह में ब्लड डोनेशन करता है तो कोई अपनी पॉकेटमनी से मरीजों की मदद करता है तो कोई बिजनेस या जॉब से छुट्टी लेकर ब्लड देने पहुंच जाता है।उन्होंने कहा कि रक्तदान को लेकर लोगों में अभी भी कई भ्रांतियां है। इसके कारण वह रक्तदान करने के लिए आगे नहीं आते हैं। रक्तदान शिविर में कई लोग ऐसे थे जो कई बार रक्तदान कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमारे खून से किसी की जान बच सकती है तो इससे बड़ा कोई पुण्य नहीं हो रहा सकता है। आमजन से साल में दो-तीन बार रक्तदान करने का आह्वान किया। उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया है जिले में या जिले के बाहर किसी भी व्यक्ति को रक्त की आवश्यकता होती है तो तत्काल प्रभाव से व्यवस्था करके उन व्यक्तियों को रक्त की व्यवस्था कराई जाती है।रक्तदान से बड़ा दान कुछ भी नहीं है। लोगों द्वारा दिया गया रक्त किसी की जिंदगी बचा सकती है। इसलिए सभी को मिलकर रक्तदान करना चाहिए।रक्तदान महादान है। इसकी महत्ता को समझें और बेझिझक रक्तदान करें। उन्होंने कहा कि विकसित देशों में अधिकांश रक्तदाता स्वयं सेवक होते हैं, जो सामुदायिक आपूर्ति के लिए रक्तदान करते हैं।

संवाददाता इनायत अहमद

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