इंदौर मध्य प्रदेश
जिन्दगी में कोई और उम्र भर आपका साथ निभाए या न निभाए, लेकिन अगर डायबिटीज ने एक बार आपका दामन थाम लिया तो फिर ये जीवन भर आपका पीछा नहीं छोड़ेगी। एक बार आप डायबिटीज की गिरफ्त में आए, तो फिर पूरी उम्र दवाओं और डॉक्टरों की संगति में ही बीतेगी।पर क्या ये खतरा टाला नहीं जा सकता है? बिल्कुल टाला जा सकता है, दरअसल डायबिटीज को पहले जेनेटिक यानी माता पिता से विरासत में मिलने वाली बीमारी माना जाता था, लेकिन आज भारत में डायबिटीज के ज्यादातर मरीज वो हैं, जो खराब लाइफस्टाइल की वजह से इसका शिकार हुए हैं इसमें सबसे ज्यादा सख्या युवाओं की है जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है…इसे टाइप टू डायबिटीज कहा जाता हैं, और अगर ये लोग अपनी लाइफस्टाइल में थोड़ा सा सुधार कर लें, तो वो इस मीठी बीमारी से खुद को बचा सकते हैं और अपने परिवार को भी।उक्त उदगार ‘मधुमेह जागृति दिवस’ पर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एमओजी लाइन इंदौर में आयोजित हर्बल फर्स्ट एड बॉक्स(औषधीय पौधों) रोपण कार्यक्रम में पर्यावरणविद स्वप्निल व्यास ने व्यक्त किए वही वृक्षारोपण की शुरूआत करते हुए डॉ.मधु व्यास ने कहा मधुमेह जागृति दिवस मनाने की जरूरत इसलिए महत्वपूर्ण हुई क्योंकि इस बीमारी के कारण और बचाव के विषय में लोगों के बीच काफी मतभेद और अनभिज्ञता देखी जा रही है। अब डायबिटीज उम्र, देश व परिस्थिति की सीमाओं को लांघ चुका है। इसके मरीजों का तेजी से बढ़ता आंकड़ा दुनियाभर में चिंता का विषय बन चुका है। डायबिटीज के रोग के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से ‘मधुमेह जागृति दिवस’ हमने यहां मनाया है। कार्यक्रम में मीनू शुक्ला,आशीष वर्मा, अन्नपूर्णा भटनागर, हितेंद्र गर्दे, स्नेह सिंह वरकड़े, सुनीता दांगी सहित क्षेत्रीय जन मौजूद रहे l
आज रोपित हर्बल फर्स्ट एड बॉक्स में गिलोय, अशवगंधा, पत्थरचट्टा, हड़जोड़, पीपरमेंट, अडूसा, पारिजात, अपराजिता, पान, चमेली, एलोविरा, लेमनग्रास, मरवा, इन्सुलिन, इस्ट्रीवीया, कपूर तुलसी, सेताब,शतावरी, लाजवंती, , लोगतुलसी, आंवला, बेलपत्र, , आजवाइन, सिंदूर, बारामासी, मीठा नीम, चिरायता, सर्प सर्पगंधा,गोरख मुंडी ,भ्रामी, दूधी,प्रमुख है।
रिपोर्ट अनिल भंडारी
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