शहडोल मध्य प्रदेश
शहडोल। बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज में कार्यरत डॉ. सोनम दुबे अपने समर्पण, नेतृत्व क्षमता और मेहनत से नारी सशक्तिकरण की मिसाल पेश कर रही हैं। वे पैथोलॉजी विभाग की एकमात्र एसोसिएट प्रोफेसर हैं और जब से इस मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई है, तब से ही वे इस संस्था से जुड़ी हुई हैं। शिक्षण से लेकर प्रशासनिक कार्यों तक, वे अपनी बहुमुखी प्रतिभा और कर्तव्यनिष्ठा से मेडिकल कॉलेज के संचालन में अहम भूमिका निभा रही हैं। डॉ. सोनम दुबे न केवल एक कुशल शिक्षिका हैं, बल्कि हेड ऑफ डिपार्टमेंट (HOD) की जिम्मेदारियाँ भी पूरी दक्षता से निभा रही हैं। कॉलेज में एमबीबीएस सहित कई अन्य कोर्स संचालित हो रहे हैं, और इनमें उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण बनी हुई है। वे क्लासेस, परीक्षाओं, प्रयोगशाला कार्यों और प्रशासनिक दायित्वों को संभालते हुए मेडिकल छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने के लिए सतत प्रयासरत हैं। अपने पूरे अध्ययन काल में डॉ. दुबे हमेशा मेरिटोरियस छात्रा रही हैं। अब वे अपने ज्ञान और अनुभव से छात्रों को प्रशिक्षित कर रही हैं, ताकि वे भविष्य में समाज की निःस्वार्थ सेवा कर सकें। उनका उद्देश्य केवल चिकित्सा पढ़ाना ही नहीं, बल्कि देश को ऐसे डॉक्टर देना है जो जनता की भलाई के लिए कार्य करें। डॉ. सोनम दुबे न केवल एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् हैं, बल्कि वे एक उत्कृष्ट वक्ता, लेखिका और गायिका भी हैं। अपनी व्यस्त दिनचर्या के बावजूद वे व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में अद्भुत संतुलन बनाए हुए हैं। दो बच्चों की माँ होने के बावजूद वे अपने कर्तव्यों से कभी पीछे नहीं हटतीं, जिससे वे अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गई हैं। डॉ. सोनम दुबे ने यह साबित कर दिया है कि अगर संकल्प मजबूत हो, तो किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। मेडिकल कॉलेज में उनकी अथक मेहनत और समर्पण यह सिद्ध करता है कि महिलाएँ किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। उनका जीवन संघर्ष और सफलता की एक प्रेरक कहानी है, जो आने वाली पीढ़ियों को आगे बढ़ने की राह दिखाती रहेगी।
अजय पाल
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