मझौली/जबलपुर, मध्यप्रदेश
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना -मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना अंतर्गत मध्यप्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों जो 60 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति (महिलाओं के मामले में 2 वर्ष की छूट) जो आयकर दाता नहीं है, को प्रदेश के बाहर स्थित विभिन्न नाम निर्दिष्ट तीर्थ स्थानों में से एक या दो युग्म स्थानों की यात्रा सुलभ कराने हेतु मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना परिकल्पित की गयी है। मध्यप्रदेश शासन ने जून 2012 में इस योजना का शुभारंभ किया है। इस योजना में प्रदेश के वरिष्ठ नागरिको को देश के चिन्हित तीर्थ स्थल की निःशुल्क यात्रा कराई जाती है। तीर्थ यात्रीयो को विशेष रेल से यात्रा, नाश्ता, भोजन एवं शुद्ध पेयजल, तीर्थ स्थान पर रुकने की व्यवस्था, जहाँ आवश्यक हो बस से यात्रा व अन्य सुविधाएँ धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग, मध्यप्रदेश शासन से अनुबंधित इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन लिमिटेड (IRCTC), जो कि भारत सरकार का उपक्रम है, के द्वारा उपलब्ध करायी जाती है।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत बारहवीं ट्रेन 23 दिसंबर को खण्डवा से 279, नरसिंहपुर से 200 और जबलपुर से 300 यात्री रवाना हुए यह ट्रेन 28 दिसंबर को वापस खंडवा लौटेगी!
जगन्नाथ यात्रा के दौरान कोच प्रभारी इस प्रकार है कोच नम्बर एस 08- दलगंजन यादव राजस्व निरीक्षक , कोच नम्बर एस 09- रूदप्रताप सिंह शिक्षा विभाग , कोच नम्बर 10 सुयोग्य श्रीवास्तव राजस्व निरीक्षक एवं कोच नम्बर 11 के.के. बापट अनुरेखक ।
जगन्नाथ यात्रा में जबलपुर से 300 यात्री सम्मिलित हुए हैं जिसमें जिले के सभी विकासखंडों के श्रद्धालु यात्री सम्मिलित हैं!
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के कुछ महत्वपूर्ण दिशा निर्देश
आवेदक द्वारा आवेदन पत्र को हिंदी में भरा जाना है।
आवेदन पत्र में आवेदक को एक रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो लगाना है।
आपात स्थिति के लिए किसी संबंधित व्यक्ति का मोबाइल नंबर तथा निवास का पता प्रदान करना अनिवार्य है।
यात्रा के दौरान अच्छा आचरण रखें। यात्रा के अनुभव एवं वृत्तांतो को आपस में बांटे।
पात्रा के दौरान ज्वलनशील पदार्थ तथा मादक पदार्थ ले जाना मना है।
यात्रा में कोई भी बहुमूल्य रतन, आभूषण आदि साथ ले जाना वर्जित है।
यात्रा के दौरान संपर्क अधिकारी / पर्यवेक्षक / अनुरक्षक के निर्देशो का पालन करना आवश्यक है।
यात्रियों से यह निवेदन है कि यात्रा के दौरान कोई भी ऐसा आचरण ना करें जिससे कि प्रदेश की छवि धूमिल हो।
यात्रियों से अपेक्षा है कि वे मौसम के अनुरूप वस्त्र, ऊनी वस्त्र, व्यक्तिगत उपयोग की सामग्री यथा कंबल, चादर, तौलिया,
साबुन, कंघा, दाढी बनाने का सामान, दवाईयां आदि साथ में रखें।
यात्रियों को अपने साथ परिचय पत्र जैसे आधार कार्ड/ वोटर कार्ड साथ में रखना अनिवार्य है।
यात्रा के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य रूप से किया जावे।
यात्रा के दौरान होने वाली किसी दुर्घटना अथवा कठिनाई के लिये राज्य शासन अथवा उसका कोई अधिकारी/ कर्मचारी उत्तरदायी नहीं होगा।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत आवेदन के लिए पात्रता
मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना आवश्यक है।
आयकर दाता न हो। 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चूका हो।
महिलाओ के मामले में 2 वर्ष की छुट अर्थात 58 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुकी हो।
ऐसे दिव्यांग नागरिक जिनकी विकलांगता 60 प्रतिशत से अधिक हो, आयु का बंधन नहीं है।
यदि पति-पत्नी साथ यात्रा करना चाहते है तो पति/पत्नी में से किसी एक को पत्रता होने पर जीवन साथी भी यात्रा पर जा
सकता है, भले ही उसकी आयु 60 वर्ष से कम हो।
तीर्थ यात्रा हेतु समूह बनाकर आवेदन किया जा सकता है, समूह का मुखिया मुख्य आवेदक होगा। किन्तु ऐसा समूह 25 व्यक्तियों से अधिक का नहीं होगा।
यात्रा हेतु आवेदक शारीरिक एवं मानसिक रूप से सक्षम हो और किसी संक्रामक रोग जैसे टी.बी., कॉजेष्टिन कार्डियाक, शवास में अवरोध सम्बन्धी बीमारी, कोरोनरी अपर्याप्तता, कोरोनरी थ्रोम्बोसिस, मानसिक व्याधि, संक्रमण कुष्ठ रोग आदि से ग्रसित न हो। पात्रा करने हेतु आवेदक द्वारा शारीरिक एवं मानसिक रूप से सक्षम होने और किसी संक्रामक रोग से ग्रसित नहीं होने का चिकित्सीय प्रमाण-पत्र आवेदन में दिया जाना अनिवार्य है।
65 वर्ष से अधिक आयु के एकल तीर्थ यात्री एवं 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग नागरिक को सहायक (केयर टेकर) ले जाने की पात्रता है।
रिपोर्ट – दीपक कुमार साहू
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