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मध्य प्रदेश में चर्चा क विषय , चर्चित IAS, जिनका हाल ही में हुआ ट्रांसफर, चौथे नंबर वाली महिला अफसर का तो जवाब नहीं!

जबलपुर मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश में हाल ही में 26 आईएएस अधिकारियों को इधर से उधर किया गया। इन आईएएस अधिकारियों में कुछ अपनी कार्यप्रणाली को लेकर चर्चा में रहे हैं। इन अफसरों में कुछ प्रोफेशनल तो कुछ अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी चर्चा में रहे हैं। इनमें से एक अफसर ने तो राजनीतिक व्यक्ति को थप्पड़ों से पीट दिया था

जबलपुर- मध्य प्रदेश में हाल ही कुछ आईएएस अधिकारियों के ट्रांसफर किए गए थे। इन आईएएस अधिकारियों में मुख्यमंत्री कार्यालय के दोनों प्रमुख सचिव तक शामिल थे। कुल मिलाकर 26 आईएएस अधिकारियों के ट्रांसफर किए गए थे। इनमें से कुछ अधिकारी अपने कार्यकाल के दौरान खूब चर्चित हुए। इस आर्टिकल में आज हम उन 5 आईएएस अधिकारियों के बारे में जानेंगे।

डॉ. सलोनी सिडाना

डॉ सलोनी सिडाना 2014 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। पहले प्रयास में ही देशभर में 74वीं रैंक लाकर वह पहली बार चर्चा में आई थीं। हालांकि पहले उन्हें आंध्रप्रदेश कैडर मिला था। बाद में एमपी कैडर में ट्रांसफर ले लिया। सलोनी जबलपुर सहित कई जिलों में पदस्थ रही हैं। अब तक डॉ. सलोनी सिडाना सह संचालक भारतीय चिकित्सा पद्धति और होम्योपैथी, एफ्को का अतिरिक्त प्रभार संभाल रही थीं। इस ट्रांसफर के बाद उन्हें संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का प्रबंध संचालक और पब्लिक हेल्थ कॉर्पोरेशन का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
डॉ सलोनी सिडाना अपने काम को लेकर तो चर्चा में रही ही हैं, साथ ही वह अपने निजी जिंदगी के फैसलों को लेकर भी चर्चा में रही हैं। सलोनी सिडाना एमबीएएस डॉक्टर हैं। इसके बाद पिता के कहने पर यूपीएससी की तैयारी की और पहली बार में ही इसे क्रैक किया। डॉ सलोनी सिडाना ने सादगी के साथ 500 रुपए में कोर्ट मैरिज की थी।

IAS मनीष सिंह

मनीष सिंह 1996-97 में पीएससी अफसर बने थे। उन्हें 2009 में आईएएस अवॉर्ड हुआ। अपने प्रशासनिक करियर का लगभग आधा समय उन्होंने इंदौर में ही बिताया है। सिंह की गिनती तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चहेते अफसर के रूप में होती थी। ज्यादातर तो उन्हें अपनी पसंद की ही पोस्टिंग मिली है। वह इंदौर के कलेक्टर से लेकर एसडीएम और निगमायुक्त तक रह चुके हैं। उनकी कार्यशैली से जनप्रतिनिधि भी नाराज रहे हैं। मोहन सरकार में वह अब तक गृह निर्माण एवं अधोसरंचना विकास मंडल में आयुक्त के पद पर थे। अब उनका ट्रांसफर अपर सचिव, परिवहन विभाग तथा एमडी, राज्य सडक़ परिवहन निगम के पद पर हुआ है।

IAS निधि निवेदिता

झारखंड की रहने वाली निधि निवेदिता 2012 बैच की आईएएस ऑफिसर हैं। बतौर असिस्टेंट कलेक्टर उनकी पहली पोस्टिंग झाबुआ में हुई। वह इंदौर की एडिशनल कलेक्टर भी रहीं। उनकी गिनती मध्य प्रदेश की सख्त और तेजतर्रार अफसरों में होती है। जब वह सिंगरौली जिले की जिला पंचायत CEO थीं, तब शौचालय बनवाने में घपला करने वाले पंचायत सचिव से उन्होंने उठक-बैठक करवा दी थी। राजगढ़ में एक बार वह जरूरतमंद लड़की को खुद ब्लड डोनेट कर भी चर्चा में आई थीं। 2020 में जब पूरे देश में सीएए को लेकर प्रदर्शन चल रहा था, तब उनकी पोस्टिंग राजगढ़ में थी। इसी दौरान थप्पड़ कांड की गूंज सुनाई दी थी। उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ता की थप्पड़ों से पिटाई कर दी थी। निधि निवेदिता अब तक महिला, वित्त एवं विकास निगम की एमडी थीं। अब उन्हें प्रबंध संचालक, मत्स्य महासंघ और उपसचिव, मछुआ कल्याण का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

आईएएस सुरभि गौतम

सरकारी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा पाने वाली आईएएस सुरभि गौतम बेहद ब्रिलिएंट माइंड हैं। शायद ही कोई प्रतियोगी परीक्षा होगी जो उन्होंने पास न की हो। 2016 में यूपीएससी क्लीयर करने से पहले वह देश की बड़ी-बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में अव्वल आ चुकी हैं। उन्हें कॉलेज की पढ़ाई के बाद ही टीसीएस कंपनी में जॉब ऑफर हुआ, मगर सुरभि ने ज्‍वाइन नहीं किया। वह बार्क से लेकर इसरो, एमपीपीएससी, एफसीआई, एसएससी और दिल्ली पुलिस जैसे कई प्रतियोगी परीक्षाएं पास कर चुकी हैं। उन्होंने भारतीय इंजीनियरिंग सेवा की परीक्षा में ऑल इंडिया टॉप किया हुआ है। इसके बाद 2016 में पहले ही प्रयास में वह 50वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बन गईं। अब तक वह सचिव चिकित्सा शिक्षा थीं, अब उन्हें आयुक्त शहडोल संभाग के पद पर तैनाती दी गई है।

IAS डॉ. पंकज जैन

2012 बैच के आईएएस डॉ. पंकज जैन भी मध्य प्रदेश के चर्चित आईएएस अधिकारी हैं। वह बिना किसी के दवाब में आए अपना काम करते हैं। इसलिए वह तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान की गुडबुक में शामिल थे। कोरोना के समय में उन्होंने कई ऐसे काम किए, जो चर्चा में रहे। आईएएस होते हुए भी वह अपनी बेटी को आंगनवाड़ी के स्कूल में पढ़ाते हैं। बच्चे भी उन्हें टॉफी वाले अंकल के नाम से जानते हैं। अब तक वह मध्य प्रदेश शासन में प्रबंध संचालक, पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉर्पोरेशन के पद पर थे। अब उन्हें प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश भवन विकास निगम और सदस्य सचिव, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

ऋषिकेश मेश्राम

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