छत्तीसगढ़
कोंडागांव
मत्स्यपालन विभाग द्वारा गत दिवस जिले के फरसगांव ब्लाक अंतर्गत दूरस्थ ग्राम कोनगुड़ में 3 दिवसीय तकनीकी उन्नयन प्रशिक्षण में मत्स्यपालक किसानों को मछलीपालन की विभिन्न तकनीक सहित गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी गयी। इस दौरान सहायक संचालक मत्स्यपालन एमएस कमल ने किसानों को कम लागत में बेहतर ढंग से मछलीपालन कर आय संवृद्धि करने की समझाईश देते हुए बताया कि वर्तमान में भोज्य पदार्थ में मछली की बढ़ती मांग के मद्देनजर इस ओर किसान अपने भूमि में तालाब-डबरी का निर्माण कर मछलीपालन को बढ़ावा दे सकते हैं। उन्होने मछलीपालन संबन्धी योजनाओं की जानकारी देकर लाभान्वित होने का आग्रह किसानों से किया। इस 3 दिवसीय मत्स्यपालन तकनीकी उन्नयन प्रशिक्षण में क्षेत्र के 14 ग्रामों के 110 मत्स्यपालक कृषकों ने भाग लेकर मत्स्यपालन की बारीकियों को सीखा। वहीं उन्नत मत्स्यपालन कर रहे किसानों के तालाबों का भ्रमण कर स्थानीय स्तर पर मछलियों के आहार हेतु उपलब्ध दाना-चारा के उपयोग, समय≤ पर जाल चलाने से मछलियों की बढ़वार स्थिति ईत्यादि का अवलोकन किया। इस प्रशिक्षण के दौरान किसानों को कृषि, उद्यानिकी एवं पशुपालन विभागों के मैदानी अमले ने विभागीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी देकर कृषकों को लाभान्वित होने प्रोत्साहित किया। इस मौके पर क्षेत्र के पंचायत पदाधिकारियों सहित प्रगतिशील कृषक तथा कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन और मत्स्यपालन विभागों के मैदानी अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
( राजीव खरे स्टेट ब्यूरो चीफ़ छत्तीसगढ़)
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