मंडला। नगर पालिका मंडला की PWD समिति इन दिनों संदेह के घेरे में है। शहर में बढ़ते अतिक्रमण और मनमाने ढंग से हो रहे अवैध निर्माणों पर समिति की निष्क्रियता सवाल खड़े कर रही है। जिला कलेक्टर द्वारा हाल ही में आयोजित एक बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि शहर को अतिक्रमण मुक्त किया जाए, लेकिन इसके उलट पूरा शहर अतिक्रमण के जाल में फंसता नजर आ रहा है।
अतिक्रमण पर समिति की निष्क्रियता: PWD समिति पर आरोप है कि वह शहर में फैले अतिक्रमण पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि समिति की उदासीनता के चलते सार्वजनिक स्थानों, सड़कों और बाजारों पर अवैध कब्जे बढ़ते जा रहे हैं।
अवैध निर्माण को दी जा रही अनुमति : शहर में मनमाने तरीके से निर्माण कार्य जारी हैं। सूत्रों का कहना है कि समिति द्वारा लीज रिनिवल और नवीनकरण के नाम पर अवैध निर्माणों को मौन स्वीकृति दी जा रही है। इससे न केवल शहर की सौंदर्यता प्रभावित हो रही है, बल्कि यातायात और जनसुविधाओं पर भी दबाव बढ़ रहा है।
जिला कलेक्टर के निर्देश की अनदेखी : विगत दिनों जिला कलेक्टर ने एक बैठक में नगर पालिका और संबंधित विभागों को शहर से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था। बावजूद इसके, स्थिति सुधरने के बजाय और बिगड़ रही है। नागरिकों का कहना है कि निर्देशों के बावजूद कोई कार्रवाई न होना प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।
जनता में नाराजगी
स्थानीय नागरिकों ने PWD समिति और नगर पालिका प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर अतिक्रमण और अवैध निर्माणों पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह शहर के विकास के लिए बाधा बन सकता है।
PWD समिति की कार्यशैली को लेकर उठते सवाल और बढ़ते अतिक्रमण से नाराज जनता अब जिला प्रशासन से ठोस कदम उठाने की उम्मीद कर रही है। सवाल यह है कि क्या प्रशासन इन मुद्दों का समाधान कर पाएगा, या शहर अराजकता के दलदल में और गहराई तक फंस जाएगा?
दबी जुबान से पार्षदों ने अपनी सहमति जताते हुए कहा कि समिति द्वारा हमारी किसी भी बात को नहीं माना जा रहा PWD समिति अपने मन से काम करती है हमारे वार्डों में भी कोई काम होना होता है तो हमारी मर्जी से न होकर PWD समिति की मर्जी से किया जाता है जिससे अतिक्रमण को दिन ब दिन बढ़वा मिल रहा है।
मंडला से अशोक मिश्रा की रिपोर्ट
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