जिस समय का छात्रवृति घोटाला उस समय के डीडीओ के पासवर्ड id से स्वीकृत हुई थी छात्रवृति, उनपर कार्यवाही होना तो दूर नोटिस भी नहीं हुए जारी।
छात्रवृत्ति का कार्य देखने वाले बाबू पर कृपा क्यों…?क्या वाकई इस मामले से दूर है बाबूजी….!
जिस शिक्षक के खाते दर्जनों बार अन्य अन्य बच्चों के खातों की जगह लगाए गए उसपर आपराधिक प्रकरण कब होगा दर्ज..?कहीं घोटाले को दबाने के शुभ संकेत तो नहीं…?*
पूरे घोटाले में 715 बच्चे छात्रवृति की फ्राडुलेन्ट लिस्ट में शामिल,जिनमे किसी के खाते,किसी को छात्रवृति मिलनी चाहिए अनुसूचित जाति कि और मिली अनुसूचित जनजाति की, कार्यवाही की जद में अन्य संकुलों के डीडीओ भी लेकिन फिलहाल कार्यवाही सुस्त।
मामला अभय वर्मा डीपीआई,रश्मी अरुण शमी (सीपीआई),चम्बल आयुक्त व जॉइन डायरेक्टर पांडेय जी के संज्ञान में,जल्द बड़ी कार्यवाही की उम्मीद।
कलेक्टर भिण्ड की ओर से भी कार्यवाही की संभावना, जल्द होंगे और निलंबन और होंगी एफआईआरें।
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