अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो
हिंद महासागर के करीब, भारतीय तट पर ड्रोन से हमला किया गया है। इस हमले की पुष्टि अरब सागर में हुई रिपोर्टों से हुई है, जिसमें लाइबेरिया के झंडे वाले टैंकर को निशाना बनाया गया। लाइबेरिया के झंडे वाला यह जहाज इजराइल से संबंधित बताया जा रहा है।ब्रिटेन के मैरिटाइम ट्रेड ऑपरेशन संगठन ने भी इस हमले की सूचना दी है। चरण की रेखा पार करते हुए, यह व्यापारिक जहाज अपनी यात्रा जारी रख रहा है, लेकिन ड्रोन हमले के बाद इसे कुछ नुकसान हुआ है। हमले की शिकायत यमन के हूतियों पर जाती है, जो इस घटना का जिम्मेदार माने जा रहे हैं।
सऊदी से भारत आ रहे एक ऑयल वैसेल पर शनिवार को भी ड्रोन से हमला हुआ है। इस जहाज पर 20 भारतीय क्रू मेंबर्स सवार हैं और भारतीय नौसेना ने कोस्ट गार्ड के पैट्रोलिंग वैसेल ICGS विक्रम को घटनास्थल पर रवाना किया है। नौसेना अलर्ट में है और वॉरशिप भी जगह तक पहुंच गए हैं। हूतियों के द्वारा किए गए इस हमले का अभ्यंतरीकरण और नौसेना की तत्परता से इसे जल्दी नियंत्रित किया गया है।
इसके परिणामस्वरूप, ड्रोन हमलों का खतरा विश्वभर में बढ़ता जा रहा है, जिससे समुद्री रास्तों की सुरक्षा में चुनौतियों का सामना हो रहा है। हूतियों का आतंकवादी दृष्टिकोण और उनका इरान के साथ संबंध समझा जा रहा है। यह व्यापारिक और रक्षा संबंधित समस्याओं का समाधान करने के लिए विश्व समुद्री समृद्धि के लिए सहयोग की बहुत जरूरत है।
( राजीव खरे अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो)
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