नई दिल्ली
लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमले पर ब्रिटिश पुलिस की असफलता पर भारत ने कड़ा प्रतिरोध जताया है। लंदन के वेस्टमिन्सटर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के बाद अब तक ब्रिटिश पुलिस सिर्फ़ एक ही आरोपी को गिरफ्तार कर पाई है और वह भी जमानत पर छूट चुका है । ब्रिटिश पुलिस की ओर से समुचित कार्यवाही नहीं करने पर भारत ने कड़ा विरोध करते हुए नई दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग की सुरक्षा में लगे पुलिसकमिर्यों तक तो को हटा दिया था। यहाँ तक कि भारत ने ब्रिटेन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भी ठंडे बस्ते में डालने की चेतावनी दी थी । इस कडें प्रतिरोध के बाद लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार भारतीय उच्चायोग पर हमला एक बड़ी साजिश का हिस्सा था । घटना में शामिल ज्यादातर हमलावर ब्रिटेन के ही हैं और इन्हें ब्रिटिश नागरिकता भी प्राप्त है। कई हमलावरों के पास हथियार भी थे, पर इसके बाद भी उन्हें सजा नहीं हो सकी। जांच में इस उदासीन रवैये को देखते हुए भारत ने एनआईए की टीम जांच के लिए लंदन भेजने का निर्णय लिया है । पर हमलावरों के पास ब्रिटिश नागरिकता होने के चलते एनआईए को जांच के लिए ब्रिटिश पुलिस पर निर्भर रहना होगा ।
जब किसी देश में किसी दूसरे देश का उच्चायोग या दूतावास स्थापित होता है तो उसकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी उसी देश की होती है । अब प्रश्न यह है कि आखिर लंदन में भारतीय झंडे का अपमान कैसे हो गया। आखिर ब्रिटेन की सरकार ने भारतीय उच्चायोग पर हमला करने वाले इन थोड़े से खालिस्तानियों को क्यों नहीं रोका । याने स्पष्ट तौर पर ब्रिटिश सरकार की उदासीनता इसमें थी ।
( राजीव खरे नेशनल ब्यूरो)
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