ब्रिटेन में हाल की दक्षिणपंथी हिंसा में आप्रवासियों और मुस्लिमों को निशाना बनाया जाना चिंताजनक है। सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार ने ब्रिटिश समाज में हमलों को बढ़ावा दिया। 29 जुलाई को साउथपोर्ट में टेलर स्विफ्ट की थीम डांस पार्टी में तीन बच्चियों की हत्या के बाद ब्रिटेन में दंगे भड़क उठे, जिसमें कई अन्य लोग घायल हुए। इस घटना को दक्षिणपंथी आंदोलनकारियों ने नफरत फैलाने और अराजकता भड़काने के लिए इस्तेमाल किया। दंगों में मस्जिदों और एशियाई स्वामित्व वाले व्यवसायों को निशाना बनाया गया, जो ब्रिटिश समाज में गहरी सामाजिक चिंताओं और राजनीतिक विफलताओं को दर्शाता है।
कई दक्षिणपंथी राजनेताओं ने आप्रवासन और सांस्कृतिक एकीकरण पर गलत धारणाएं फैलाकर अपने विभाजनकारी एजेंडे को बढ़ावा दिया। प्रधानमंत्री स्टार्मर ने दंगों की निंदा की और लगभग चार सौ से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। हिंसक गतिविधियों के बढ़ने का एक बड़ा कारण सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं का प्रसार है, जिसे कट्टरपंथी बनाने और हिंसा भड़काने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
ब्रिटिश सरकार को बेरोजगारी और अपर्याप्त सामाजिक सेवाओं जैसी समस्याओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है, जिनका उपयोग आप्रवासियों के प्रति नफरत फैलाने के लिए किया जाता है। सहिष्णुता और एकता को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। सरकार को सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और मीडिया तथा राजनीतिक नेताओं से जिम्मेदार व्यवहार की उम्मीद की जानी चाहिए। हाल की हिंसक घटनाओं ने प्रधानमंत्री स्टार्मर की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, और उन्होंने प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए हैं। ब्रिटेन में डेढ़ दशक बाद भड़के इन दंगों को रोकने के लिए गंभीर प्रयासों की आवश्यकता है।
( राजीव खरे- अंतरराष्ट्रीय ब्यूरो )
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