नागपुर
जहां आज सरकार हर जगह अपनी गलती छिपाने का चेष्टा में लगी रहती है , वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के एक बेबाक़ बयान और खुली स्वीकारोक्ति की हर ओर प्रशंसा हो रही है।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि बिना गुणवत्ता के किसी भी सेवा के लिये टैक्स वसूलना उपभोक्ता के साथ अन्याय है। आमतौर पर ज़्यादातर सरकारी व निजी महकमे देश में लगातार अपेक्षित गुणवत्ता की सेवा दिये बग़ैर उपभोक्ताओं से कर/ राशि वसूल रहे हैं। नितिन गडकरी ने यहां तक कहा है कि यदि सड़कें अच्छी हालत में न हों और लोगों को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हो, तो राजमार्ग पर एजेंसियों द्वारा टोल टैक्स वसूलने का कोई औचित्य नहीं है।
राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे के निर्माण से यात्रियों की यात्रा सुविधाजनक हुई है और समय और ईंधन की बचत हो रही है। हालांकि, कई स्थानों पर सड़कों की गुणवत्ता में कमी और निर्माण में तकनीकी खामियां उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का कारण बनती हैं। पहले टोल टैक्स चुकाने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ता था, लेकिन फास्टैग व्यवस्था से यह समस्या हल हो गई है। अब 98% वाहन स्मार्ट टैग के माध्यम से निर्बाध यात्रा कर रहे हैं। भविष्य में, ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू होने से टोल गेटों की आवश्यकता नहीं रहेगी।
इस प्रणाली को पहले व्यावसायिक और फिर निजी वाहनों पर लागू किया जाएगा। इससे टैक्स चोरी रुकेगी और सरकार के टोल राजस्व में वृद्धि होगी। यह प्रणाली राजमार्ग पर उपयोग की गई दूरी के आधार पर सटीक टोल गणना करेगी। प्रारंभ में इसे प्रमुख हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर लागू किया जाएगा, जिसमें ओबीयू से लिंक किए गए बैंक खाते से टोल टैक्स की राशि स्वतः कट जाएगी।
सरकार को सड़कों की गुणवत्ता बनाए रखने पर ध्यान देना चाहिए। टोल टैक्स वसूलने से पहले अच्छी सेवाएं प्रदान करनी चाहिए। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री ने स्वीकार किया है कि सड़कों की खराब स्थिति पर शिकायतें मिलती हैं। यह एक अच्छा कदम है और हर विभाग के मंत्री को अपने अधीनस्थ विभागों की कारगुजारियों पर नजर रखनी चाहिए। शिकायत दर्ज करने और उनका तुरंत निवारण करने के लिए एक स्वतंत्र तंत्र विकसित करना आवश्यक है।
( राजीव खरे- राष्ट्रीय ब्यूरो)
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