🔹 हायर सेंटर में त्वरित इलाज उपलब्ध कराने बिलासपुर पुलिस की तत्परता ने दो नन्हीं ज़िंदगियों को दी नई उम्मीद।
🔹 वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह ने तत्परता दिखाते हुए ग्रीन कॉरिडोर बनाने दिया यातायात को निर्देश
🔹 अति अल्प समय मे बिना व्यवधान के दो नन्हीं जिंदगियों को पहुंचाई गई मध्य नगरी के निजी अस्पताल से चकरभाठा एयरपोर्ट
बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में इलाजरत प्रीमेच्योर दो (जुड़वा) नन्हीं जिंदगियों की नाजुक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उनके परिजनों के आग्रह पर मानवीय संवेदनशीलता का परिचय देते हुए बिलासपुर यातायात पुलिस के द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनीश सिंह के दिशा निर्देश पर तत्काल ही निर्बाध यातायात व्यवस्था हेतु ग्रीन कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया गया एवं शीघ्र ही उसे पर अमल लाते हुए यातायात पुलिस द्वारा ग्रीन कॉरिडोर के रूप में मध्य नगरी निजी हॉस्पिटल से लेकर एयरपोर्ट तक दुरुस्त यातायात व्यबस्था बनाई गई।
इस हेतु त्वरित कार्यवाही करते हुए निजी अस्पताल मध्य नगरी चौक से चकरभाठा एयरपोर्ट तक दोनों नन्ही जिंदगियों को पहुँचाने हेतु ग्रीन कॉरिडोर के सभी जगह पर यातायात का बल तैनात किया गया एवं एंबुलेंस को निर्बाध रूप से एयरपोर्ट पहुंचाने हेतु यातायात के बल ASP ट्रेफिक के द्वारा पायलटिंग करते हुए निर्बाध रूप से अति अल्प समय में एयरपोर्ट पहुंचाई गई।
बिलासपुर शहर में आम राहगीरों को इस संबंध में जानकारी प्राप्त होने पर इंसानियत का मिसाल पेश करते हुए उन्होंने भी ग्रीन कॉरिडोर में एंबुलेंस के जाने के दौरान किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं किया। साथ ही यातायात पुलिस की मुस्तैदी और चुस्ती ने पुर “नो मेंस- नो वेहीकल” के रूप में पूरे रोड को जीरो कर रखा था और एम्बुलेंस को एअरपोर्ट तक जाने के दौरान कोई बाधा की स्थिति निर्मित नही होने दिया।
मामला प्रीमैच्योर जुड़वा बच्चों का है… जो जन्म के बाद ही क्रिटिकल स्टेज में थे। दोनों बच्चों का वजन और प्लेटलेट्स बेहद कम थे। इन नन्ही बच्चो के परिजन अपने नाजुक हालत में पैदा हुए नवजातों के बेहतर इलाज के लिए हैदराबाद ले जाने का निर्णय लिये थे लेकिन बच्चों की हालत नाजुक देख उन्हें और सुरक्षित एयर एंबुलेंस तक पहुंचाना चुनौतीपूर्ण था। एयर एंबुलेंस चकरभाटा एयरपोर्ट पर मौजूद थी और बच्चों को शहर के मध्यनगरी के पास निजी अस्पताल से वहां तक पहुंचाना था। हैदराबाद के डॉक्टरों का टीम भी नन्ही जिंदगियों की नाजुक स्थिति को देखते हुए हैदराबाद से बिलासपुर के निजी अस्पताल में पूरे टीम सहित पहुंच गए थे।
ऐसे में यातायात पुलिस ने सतर्कता के साथ तत्परता दिखाते हुए नन्ही जिंदगियों को एयरपोर्ट पहुँचाने त्वरित ड्यूटी पर मुस्तैद हुए। करीब दोपहर 12:30 बजे, एंबुलेंस को अस्पताल से निकाला गया और ट्रैफिक पुलिस की मदद से तैयार ग्रीन कॉरिडोर पर नन्हीं जानों को लेकर वाहन तेजी से दौड़ गया।
हर चौराहे, और प्रमुख स्थानों पर ट्रैफिक जवान मुस्तैदी से तैनात रहे… ताकि बिना किसी देरी के एंबुलेंस सीधे एयरपोर्ट तक पहुंचे। एसएसपी के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ट्रैफिक की निगरानी में यह ग्रीन कॉरिडोर सफलता पूर्वक संचालित किया गया और दोनों बच्चों को जल्दी और सुरक्षित एयर एंबुलेंस तक पहुंचाया ।
विदित हो कि इससे पहले भी बिलासपुर में ग्रीन कॉरिडोर के ज़रिए कई ज़िंदगियों को समय पर इलाज मिला है लेकिन इस बार मामला दो जुड़वां मासूमों का था अतः बिलासपुर पुलिस पूरी संवेदनशीलता के साथ उन मासूम नन्ही जिंदगियों को हायर सेंटर में उचित उपचार हेतु पहुँचाने में हर संभव मदद करने का प्रयास किया और अति अल्प समय में उन्हें एयरपोर्ट पहुंचने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बिलासपुर पुलिस दुआ करती हैं कि दोनों बच्चे जल्द स्वस्थ होकर घर लौटें।
इस पूरी व्यवस्था के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह ने निरंतर पल-पल की जानकारी लेते रहे और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात रामगोपाल करियारे अपने पूरे यातायात टीम के साथ स्वयं पायलेटिंग करते हुए दो नन्ही जिंदगियों को एंबुलेंस के माध्यम से एयरपोर्ट तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाए।
ब्यूरो चीफ शंकर अधीजा
क्राइम ब्यूरो राजा जंकयानी
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