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बिना डिग्री वाले डॉक्टर चला रहे क्लीनिक, बिना रजिस्ट्रेशन के कर रहे गांव में मरीजों का इलाज

डिंडौरी मध्य प्रदेश

डिंडोरी जिले के शाहपुरा क्षेत्र में कस्बाें व गांवाें में झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानो पर मरीजाें का इलाज धड़ल्ले से किया जा रहा है। यहां बिना डिग्री धारी चिकित्सक मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। कस्बे में स्थित सरकारी अस्पताल के आसपास सहित जगह-जगह बिना रजिस्ट्रेशन वाले चिकित्सक क्लीनिक चला रहे हैं। इतना ही नहीं मेडीकल के साथ ही निजी क्लिनिक संचालित किए जा रहे हैं, जो बिना पंजीयन और विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी के चल रहे। ऐसी ही लापरवाही अक्सर लोगों के लिए महंगी साबित होती है।

ऐसा ही एक मामला इन दिनों मानिकपुर गांव में रोड के दोनों तरफ संचालित मेडीकल व क्लीनिक पर देखने को मिल रहा है। और ऐसा ही डिंडोरी रोड अमेरा गांव में घुटैना रोड पर और बिजौरी रोड पर बैठे झोलाछाप डॉक्टर गरीबों को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ते, जबकि मिली जानकारी के अनुसार लगभग 15 दिनों पूर्व शहपुरा स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ के द्वारा अमेरा गांव में निरीक्षण करते हुए केवल एक ही रेनेटा नोवा दुकान पर ताला लगवा दिया और दवाखाना का मशीन जप्त कर लिया गया जबकि उसी गांव में और भी झोलाछाप डॉक्टर दुकान चला रहे हैं उसकी जानकारी के बाद भी अधिकारियों ने उन पर कार्यवाही नहीं किया इससे यह अंदेशा लगाया जा सकता है कि कहीं ना कहीं गिने-चुने लोगों पर ही कार्यवाही करने का ढिंढोरा पीटने का काम किया जा रहा है। मेडीकल स्टोर की तरह दिखने वाली दुकान के अंदर ही मरीजों का उपचार किया जा रहा है। जहां मरीजों को बकायदा भर्ती कर इलाज कर बोतल भी चढ़ाई जा रही है। पूर्व में भी बीएमओ से मीडिया ने सवाल किया था कि झोलाछाप डॉक्टरों को लेकर क्या कार्यवाही कर रहे हैं तो डॉक्टर सत्येंद्र परस्ते के द्वारा गोल-मोल जवाब देकर बात टालते नजर आए थे और वही पुनः 2 महीने बाद भी मीडिया के सामने डॉक्टर साहब ने वही जवाब दिया।

लोगों का कहना है कि उक्त क्लीनिक व मेडीकल स्टोर आपसी सामंजस्य से संचालित किए जा रहे हैं। जहां शासन द्वारा निर्धारित क्लीनिक संचालित करने के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। जिससे यहां उपचार करा रहे लोगों को जान का खतरा बना हुआ है। शहपुरा सहित पूरे क्षेत्र की बात की जाए तो हर ग्रामीण क्षेत्र में एक न एक झोलाछाप डॉक्टर आपको इलाज करता हुआ दिख जाएगा। आपको बता दे की शहपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के चक्कर में ग्रामीण इन झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाने के लिए मजबूर हो जाते है।

वहीं नगर की बात करें तो यहां अलग-अलग मोहल्लों, कॉलोनियों में झोलाछाप डॉक्टरों ने अपने क्लीनिक बना रखे हैं। जहां वे ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों का उपचार करते हैं।

इनका कहना है

झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही को लेकर हमारे द्वारा टीम गठित की जा रही हैं। जल्द ही टीम के द्वारा कार्यवाही की जाएगी।

डॉ सत्येंद्र परस्ते बीएमओ शहपुरा

रिपोर्ट अखिलेश झारिया

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