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बिना जुताई भी अब कृषि संभव, हैप्पी सीडर बनी वरदान

डिंडौरी मध्य प्रदेश

कृषकों के कृषि लागत को कम कर उनकी आय बढ़ाने हेतु विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे है। इसी तर्ज में जलवायु अनुकूल कृषि करने हेतु BISA बोरलॉग इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशिया द्वारा जीरो टिलेज खेती हेतु लगातार कार्य किया जा रहा है। जिसके तहत जिले में पहली बार कृषकों द्वारा जीरो टिलेज (बिना जुताई के खेती) कृषि धान एवं मक्का में हैप्पी सीडर यंत्र के माध्यम से की जा रही है। जिले के विकासखंड शाहपुरा में 16/06/24 को कृषि विभाग और BISA के संयुक्त प्रयास से धान की बोनी हैप्पी सीडर मशीन से बिना परली जलाए 6-8 acre में की गई जो की कृषकों को निशुल्क प्रदाय किया गया है। इसमें एक acre में 10 kg बीज लगता है एवं 1 से 1:15 घंटे में एक acre में बुवाई हो जाती है। सीधी बोनी करने से पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व और लाभदायक जीवाणु भूमि में ही संरक्षित होता है। बचे हुए फसल अवशेष मल्च का काम करते है जिस से वाष्पोत्सर्जन से होने वाली जल हानि को रुक जाती है और कम पानी में फसल तैयार हो जाती है। परली के मिट्टी में मिल जाने से भूमि में पर्याप्त मात्रा में कार्बनिक पदार्थ बढ़ते है साथ ही मिट्टी के गुणों में सुधार होता है जो आने फसलों के लिए लाभदायक है। आने वाली फसल में रोटावेटर नही चलाना पड़ता। इस मौके पर जनप्रतिनिधि, कृषि विभाग एवं BISA के अधिकारी एवं अन्य कृषक उपस्थित रहे।

 

रिपोर्ट अखिलेश झारिया

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