इंदौर मध्य प्रदेश
पुलिस अधिकारीगण हुए, किशोर न्याय अधिनियम- 2015 एवं पॉक्सो एक्ट के विभिन्न प्रावधानों से रूबरू।
इन्दौर– बाल अपराध निवारण, उनकी सुरक्षा व देखभाल तथा उनके बेहतर संरक्षण के उद्देश्य से शासन द्वारा विभिन्न कानूनी प्रावधान एवं योजनाएं संचालित की जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार, पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर मकरंद देऊस्कर के मार्गदर्शन में इन्दौर पुलिस द्वारा बाल अपराधों की रोकथाम व संरक्षण तथा इससे संबंधित जागरूकता लाने हेतु कार्यशाला एवं विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
इसी अनुक्रम में आज दिनांक 17.04.23 को इंदौर शहर की पुलिस के बाल कल्याण अधिकारीगण एवं उर्जा डेस्क प्रभारियों व महिला पुलिसकर्मियों के लिये पॉक्सो एक्ट और किशोर न्याय (देखभाल एवं सरंक्षण) अधिनियम-2015 हेतु एक कार्यशाला का आयोजन इंदौर पुलिस कंट्रोल रूम पलासिया में किया गया।
उक्त कार्यशाला मे अति. पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) इंदौर राजेश हिंगणकर के मुख्य आतिथ्य में, पुलिस उपायुक्त मुख्यालय जगदीश डावर, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष पल्लवी पोरवाल, अति. पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) मनीषा पाठक सोनी, सहायक पुलिस आयुक्त (महिला सुरक्षा) नंदनी शर्मा, सहायक पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) अजय वाजपेयी, सहित इन्दौर के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, उर्जा डेस्क प्रभारी तथा अन्य महिला पुलिस प्रशिक्षणार्थी अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहें।
कार्यशाला की शुरूआत करते हुए अति. पुलिस उपायुक्त मनीषा पाठक सोनी एवं सहायक पुलिस आयुक्त महिला सुरक्षा नंदनी शर्मा द्वारा कार्यशाला के विषय व रूपरेखा के बारें में विस्तृत रूप से बताते हुए, बच्चों के हितो के लिये कार्यरत् संस्थाओं व विभिन्न कानूनी प्रावधानों के बारें में परिचयात्मक जानकारी दी गयी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि अति. पुलिस आयुक्त राजेश हिंगणकर द्वारा कहा कि किसी भी देश व समाज का भविष्य ये बच्चे ही है। वर्तमान परिदृश्य में समाज में विभिन्न कारणों से कई विकृतियां आ रही है, जिसका सीधा असर हमारे इन नौनिहालों पर पड़ता है। अतः इन विकारों से इन बच्चों को बचाते हुए, इनके हितों की रक्षा एवं इनका संरक्षण हम सभी का सर्वप्रथम नैतिक कर्तव्य हैं, जिसमें समाज के सभी वर्गाे के साथ पुलिस/प्रशासन व न्यायपालिका की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी को बालक/बालिकाओं के लिये पास्को एक्ट में जो प्रावधान है, उनका ध्यान रखते हुए अन्य संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए, आवश्यक कार्यवाही करने के लिये सभी को प्रयासरत् रहना चाहिए, कहा गया।
पल्लवी पोरवाल ने कहा कि, यह कार्यक्रम प्रशिक्षण कार्यक्रम न होकर संवाद कार्यक्रम है, हम सब मिलकर लैगिंग अपराधों मे कमी ला सकते है, तथा लैगिंग अपराधो मे बच्चों को संरक्षण प्रदान कर सकते है। पॉक्सों एक्ट के बारे मे महत्वपूर्ण जानकारी देते विभिन्न प्रावधानों पर प्रकाश डाला।
वहीं कार्यशाला में आए अतिथि विषय विशेषज्ञ एडीपीओ सुशीला राठौर ने जे जे एक्ट के प्रावधानों से सभी को अवगत करवाते हुए बच्चों के संरक्षण हेतु शासन की विभिन्न योजनाओं आदि की जानकारी देते हुए, कहा कि हम सभी बेहतर आपसी समन्वय स्थापित कर, इन अपराधों की रोकथाम एंव बच्चों के संरक्षण में अहम भूमिका निभा सकते है। साथ ही क्राइम ब्रांच के आर. हिमांशु ने सभी को वर्तमान के बढ़ते साइबर अपराधों के प्रकारों, इनसे बचने के उपाय और इस प्रकार के अपराध आएं तो उसके लिये किस प्रकार बेहतर कार्यवाही की जाएं आदि बातों को विस्तृत रूप से समझाया गया।
इस अवसर पर पुलिस उपायुक्त मुख्यालय जगदीश डावर ने कहा कि बच्चें अपराधिक जगत में प्रवेश न करे व उनके साथ कोई अपराध हो तो हम क्या करें व क्या नहीं, ये ही हमें इन बच्चों के लिये बनाये गये नये कानून सिखाते है। अतः हमें सर्वप्रथम बच्चों के संरक्षण के लिये, उनको पारिवारिक माहौल प्रदान कर, उनकी समस्याओं को सुनना व समझना है।
इस दौरान कार्यशाला में आये प्रशिक्षणार्थी द्वारा उपस्थित अतिथियों से बाल अपराध निवारण व उनके संरक्षण के दौरान दैनिक कार्य में आने वाली विधिक परेशानियों के समाधान के संबंध में भी चर्चा कर अपनी जिज्ञासाओं का शमन किया।
कार्यक्रम का सफल संचालन सहायक पुलिस आयुक्त अजय बाजपेयी द्वारा किया गया तथा उक्त महत्वपूर्ण कार्यशाला में अपना अमूल्य समय देकर महत्वपूर्ण जानकारी का आदान प्रदान करने पर, अति. पुलिस उपायुक्त मनीषा पाठक सोनी द्वार सभी का आभार व्यक्त किया। रिपोर्ट अनिल भंडारी
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