बड़ी अवैध आबकारी दुकानों को किया जा रहा नजरअंदाज
चंदेरी विगत दिवस चंदेरी नगरपालिका और प्रशासन और पुलिस के अमले ने रेहड़ी लगाने वाले मांस मुर्गा मछली और अंडे बेचने वाले दुकानदारों का सामान जब्त कर लिया गया और उन्हें आगे से दुकान संचालित नहीं करने की हिदायत भी दी गई।
जब मीडिया की टीम ने इन दुकानदारों का पक्ष जानना चाहा तो इन सभी दुकानदारों का कहना है कि हम सभी ने नगरपालिका परिषद चंदेरी जिला अशोकनगर नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 268 एवं 269 के अंतर्गत लायसेंस जारी किए गए है। नगरपालिका परिषद चंदेरी ने साढ़े पांच हजार रुपए शुल्क लेकर यह लायसेंस हम लोग को जारी किए गए हैं।
लायसेंस में दी गई निर्धारित शर्तों का हम लोग पूरे तरीके से पालन भी कर रहे हैं जैसे दुकान के आसपास साफ सफाई का विशेष ध्यान रखते हुए साथ ही खुले मे विक्रय नहीं कर रहे हैं अपारदर्शी कपड़े आदि का भी प्रयोग भलीभांति कर रहे हैं।पर कल अचानक प्रशासन के अमले ने हमारा सामान जब्त कर लिया जबकि सभी नियमानुसार हैं।
कई दुकानों के तों ताले खुलवा कर सामान जब्त किया गया। जबकि नगरपालिका परिषद चंदेरी ने जो हमें लायसेंस जारी किए हैं उसमें जगह का भी पता दे रखा है। ऐसे में हम सभी पर विपत्ति का पहाड़ खड़ा हो गया हम गरीब परिवार से आते हैं और किसी तरह अपना पालन पोषण करतें हैं।पर अब प्रशासन हमें बेरोजगार बना रहा है। ऐसा सभी मांस मुर्गा मछली अंडे के छोटे-छोटे दुकानदारों ने बताया जिसमें हसीन अनवर अलीम जाबिद इशहाक हामिद आदि के साथ सभी दुकानदार अपना दुखड़ा सुनाया और साथ में नगरपालिका परिषद चंदेरी द्वारा जारी लायसेंस भी लिए इधर से उधर अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं पर संतोष जनक जवाब नहीं मिल पा रहा है।
छोटी मछली को सब दबा रहें मगरमच्छ पर हाथ डालने में सब डर रहे
यहां बात की जाएं मांस मुर्गा मछली अंडे की तो ठीक है वातावरण खराब हो रहा है इसलिए प्रशासन इन पर दबाव बना कर इन छोटे छोटे गरीबों की दुकान हटवा रहा है ठीक है पर इससे वातावरण अनुकूल बन सकेगा क्या प्रशासन ध्यान दें जबकि सबसे ज्यादा दूषित वातावरण शहर के बीचोंबीच धार्मिक स्थल के पास स्कूल जाने वाले रास्ते पर आबकारी दुकान संचालित हो रही है यह नहीं दिख रहा प्रशासनिक अधिकारियों को या जानबूझकर नजर अंदाज कर रहे हैं इन मगरमच्छो को या डर लगता है इन पर हाथ डालने में।
अभी पिछले दिनों ही अनुविभागीय अधिकारी रचना शर्मा के साथ बैठक में मीडिया ने यह मुद्दा संज्ञान में लाया गया था।जिस पर तत्काल एसडीएम रचना शर्मा ने नगरपालिका चंदेरी, पीडब्ल्यूडी विभाग और तहसील कार्यालय को पत्र जारी किए थे कि इस आबकारी दुकानों की नपती कर बताये कि यह आबकारी दुकान शहर के बीचोंबीच धार्मिक स्थल के पास और दूसरी दुकान हरकुंड चुंगी नाका पर स्कूल के पास अवैध रूप से संचालित हो रही है।पर आज दिनांक तक तीनों संबंधित विभागों ने कोई भी जानकारी अनुविभागीय अधिकारी चंदेरी को नहीं दी। तो क्या समझा जाए इस लापरवाही को क्या नियम गरीब और मजदूरों के लिए ही है बड़े लोगों के नहीं।जिसकी जानकारी संबंधित विभाग ही अपने अधिकारी को देना नहीं चाहते। अनुविभागीय अधिकारी रचना शर्मा अभी भी प्रयासरत हैं कि अवैध रूप से आबकारी विभाग की शराब दुकान यहां से स्थानांतरित की जाएं। जिला आबकारी अधिकारी अशोकनगर को भी इस संबंध में पत्र जारी किया गया था पर जिला आबकारी अधिकारी ने भी कोई जवाब नहीं दिया।
कल जो भी प्रशासन द्वारा छोटे गरीब रेहड़ी दुकानदारों पर कार्रवाई की गई जबकि वह लायसेंसधारी हैं नगरपालिका परिषद चंदेरी से लायसेंस जारी किया गया और सभी नियमों का पालन भी कर रहे थे। प्रशासन से निवेदन है कि यदि कार्रवाई ही करना है तो समानता के साथ की जावे। शासकीय शराब दुकानें क्या शहर में वातावरण दूषित नहीं कर रही।
पत्रकार सैयद आबिद हाशमी चंदेरी
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