सीएमओ, मण्डला
पेड़ों पर कीलें ठोंक कर विज्ञापन लगाना पेड़ों के लिए हानि कारक
विज्ञापन पोस्टर पेड़ों पर लगाने वालों पर हो कार्यवाही -जनमांग
मण्डला -एक तरफ सरकार पौधारोपण कराने हेतु लोगों को प्रोत्साहित कर रही ताकि आगे चल कर ये पौधे बड़े होकर वातावरण शुद्ध कर सके किन्तु जब देखो, जहां देखो, पेड़ों पर कील ठोक दो और विज्ञापन चिपका दो। यहां कोई बोलने वाला नहीं है। प्रशासन की लापरवाही और विज्ञापन लगाने वालों की मनमानी के कारण पेड़ सूखने का भय बना रहता है। इन विज्ञापनों के कारण एक तरफ जहां पेड़ बर्बाद हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ नगर पालिका को विज्ञापन के नाम पर फूटी कौड़ी भी नहीं मिल रही है। उल्लेखनीय है कि विज्ञापन लगाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले कील पेड़ों के लिए हानिकारक होते हैं। इससे तना से निकलने वाले पोषक तत्व सहित पूरे पेड़ जल्द ही सूख सकते हैं। वनस्पति विज्ञान के जानकारों का कहना है कि पेड़ों पर कील लगने से पेड़ों का ऊर्जा प्रवाह रुक जाता है। इसमे पेड़ों की वृद्धि नहीं हो पाती है।
नगरपालिका बनी अंजान-
सबसे हास्यास्पद पहलु यह है कि नगर पालिका प्रशासन को यह भी पता नहीं है कि शहर में पेड़ों पर अधिक संख्या में विज्ञापन लगे हुए हैं। जबकि नियम मुताबिक नगर पालिका क्षेत्र में कहीं भी विज्ञापन लगने पर नगरपालिका को टैक्स देना पड़ता है। पेड़ पर तो विज्ञापन लगाया ही नहीं जा सकता, लेकिन दूसरे जगहों पर सड़क किनारे या कहीं अन्यत्र लगाने के लिए बकायदा टेंडर जारी होने का नियम है, लेकिन नगर पालिका के आला अधिकारी ही इससे अनभिज्ञ है, तो फिर कर्मचारियों के बारे में क्या कहा जा सकता है। और विज्ञान के पोस्टर बाकायदा पेड़ों पर कीले ठोककर लगाये जा रहे हैं।
कार्यवाही किये जाने की हो रही जनमांग-
लोगों का कहना है कि पेड़ों में किसी प्रकार का विज्ञापन के लिए कील ठोकना पेड़ों के लिए हानिकारक है। वहीं शासकीय पेड़ों पर किसी प्रकार के प्रचार के लिए फ्लेक्स लगाना मना है। यदि पेड़ों पर कील ठोक कर प्रचार सामाग्री लगाया जा रहा है नगरपालिका प्रशासन को संज्ञान मे लेकर कार्यवाही की जानी चाहिए।
इनका कहना है –
पेड़ों पर कीलें ठोंक कर विज्ञापन के पोस्टर लगाना प्रतिबंधित है, अगर ऐसा है तो जल्द इसके लिए निरीक्षण दल गठित कर कार्यवाही की जावेगी।
गजानन नाफडे
मंडला से अशोक मिश्रा की रिपोर्ट
Leave a comment