पन्ना मध्यप्रदेश
दिल झनझोर के रख देने वाली तस्वीर को सांझा करते थाना प्रभारी बखत सिंह
आज भी अशिक्षा के कारण जीवन यापन के लिए आवश्यक सामग्री व दो वक्त की रोटी जुटाने में कुछ जन्मदाताओं को दिशाहीन एवम अथक प्रयास करने पड़ते हैं।
दो वक्त की रोटी जुटाने की व्यस्तता और अशिक्षा के कारण वह जानते हुए भी प्रतिकूल परिस्थितियों के होने से अपने बच्चों पर ध्यान ही नहीं दे पाते, कि वह क्या कर रहे हैं।
बृजपुर थाने के थाना प्रभारी बखत् सिंह जो अपने दरियादिल स्वभाव एवम कर्तव्य के प्रति सजग माने जाने वाले अधिकारी है। उनके साथ जो वाक्या हुआ उन्होंने सभी से सांझा किया।
उन्होंने कहा कि एक नन्ही प्यारी बेटी की मां मजदूरी करने में व्यस्त थी और कुछ दूरी पर बैठी बेटी मुंह में गुटखा का पाऊच लिए गुटखा खा रही थी। मैने आवाज दी किस की बेटी हैं ,एक बहिन ने आकर बोला मेरी हैं, मैंने उसको बच्चों का ख्याल रखने के लिए व बच्चों को स्कूल भेजने की सलाह दी तो पता चला की उसके परिवार में आज 2023 में भी कोई पढ़ा लिखा नहीं है।
ये जीवन का खेल है यह सब अशिक्षा के कारण है यह बहिन जहां मजदूरी कर रही थी वह व्यक्ति अपने आप को मानव समाज का संवेदनशील व्यक्ति मानते हैं लेकिन वास्तविकता में वो समाज के असंवेदनशील व्यक्ति हैं ऐसे व्यक्ति का रिश्ता मजदूर से दैनिक मजदूरी व काम का मात्र रहता है। उनका मजदूर से सामाजिक और आर्थिक सुधार और शिक्षा से मज़दूरों के बच्चों को जोड़ने का दूर दूर तक कोई नाता नहीं होता हैं। ऐसे व्यक्तियों को छद्म संवेदनशीलता का आवरण त्याग कर वास्तविकता में संवेदनशील होना पड़ेगा तभी संपूर्ण मानव समाज विकास की धारा से जुड़ सकती है। और इसका एक मात्र मूल उपाय है “शिक्षा”
रिपोर्ट
आसिफ खान
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