इंदौर मध्यप्रदेश
बैंक खाता फ्रीज एवं राशि आहरण से पुर्व करवायी गयी सुरक्षित।
ऽ छात्रा शहर के प्रतिष्ठित डॉक्टर दंपत्ती की पुत्री है।
ऽ छात्रा शहर के प्रतिष्ठित कॉलेज से मेडिकल का कोर्स कर रही है।
ऽ छात्रा को 9 डिजिट के मोबाइल नंबर से आया फोन।
ऽ छात्रा को फेडेक्स से पार्सल आने के नाम पर आया कॉल।
ऽ छात्रा को आया कॉल एक कस्टमर केयर की तरह से आया और कस्टमर केयर की तरह नंबर 1/2 प्रेस करने के लिये कहा।
ऽ छात्रा द्वारा पार्सल बुक करने से मना करने पर अवैधरूप गतिविधियों से पार्सल संबधित होने की धमकी दी।
ऽ ताईवान से आवेदिका के नाम से पार्सल भेजे जाने की धमकी दी।
ऽ अवैध गतिविधियों में संलिप्त होने से मुम्बई पुलिस में एफआईआर दर्ज होने के बात कही, एवं आवेदिका की बात तथाकथित पुलिस अधिकारी से करवायी गयी।
ऽ आवेदिका के आधार कार्ड गुमने एवं उसके गलत उपयोग का झॉसा देकर बैंक स्टेटमेंट स्काईप पर विडियों कॉल से वेरिफिकेशन करवाया।
ऽ आवेदिका के आधार कार्ड से खुले हुये बैंक खाते का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग में होने की धमकी दी।
ऽ आवेदिका के खाते में उपलब्ध सारे पैसे उसे भेजकर उन पैसो को आरबीआई से वेरिफाय कराने का झासा देकर लगभग 18 लाख रू. आवेदिका के माध्यम से संदिग्ध व्यक्ति ने उसके आईसीआईसीआई बैंक में टांसफर करवा लिये।
योगेश देशमुख, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा फायनेंसियल फ्रॉड की रोकथाम पर प्रभावी कार्यवाही करर निराकरण हेतु हाल ही में निर्देश दिये गये। उक्त निर्देशों के पालन में की गयी कार्यवाही में राज्य सायबर सेल इंदौर, पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह के द्वारा बताया गया कि दिनांक 21.04.2023 को फरियादिया सुमन (परिवर्तित नाम) निवासी इंदौर ने बताया कि वह इंदौर शहर के प्रतिस्ठित कॉलेज में मेडिकल की छात्रा है दिनांक 21.04.2023 को उसके मोबाइल नंबर पर किसी 9 डिजिट के मोबाइल नंबर से फोन आया और कम्प्युटराईज आवाज में बोला कि उसका फेडेक्स का पार्सल मुम्बई कस्टम पर रोक लिया है जिसमें की अवैध सामान है वह पार्सल उसके नाम से ताईवान से भेजा गया है, और उस पर मुम्बई पुलिस में एफआईआर दर्ज हो चुकी है, जिस हेतु आवेदिका की बात मुम्बई पुलिस के तथाकथित अधिकारी के करवायी गयी। तथाकथित पुलिस अधिकारी द्वारा बताया गया कि आपका आधार कार्ड का दुरूपयोग हो रहा है, जिस हेतु आपके आधार कार्ड से लिंक समस्त बैंक खाते के स्टेटमेंट विडियों कॉल से वेरिफाय करने पडेगें, जिस हेतु उसने उसकी स्काईप आईडी आवेदिका को दी। आवेदिका द्वारा उसकी स्काईप आईडी से उसकी आईडी पर मैसेज किया तो सामने वाले व्यक्ति ने विडियों कॉल किया उसने बताया कि आपके आधार कार्ड से खुले हुये आकउण्ट का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग हेतु किया जा रहा है इस हेतु बैंक स्टेटमेंट हमें भेजे। बैंक स्टेटमेंट भेजने पर उस अज्ञात व्यक्ति ने कहा कि आपके बैंक खाते मे उपलब्ध समस्त राशि हमें भेज दो जिससे उस राशि को आरबीआई से वेरिफाय करने के बाद उसे वापस कर दिया जायेगा। जिस पर आवेदिका द्वारा खाते मैने से लगभग 18 लाख रू. उस अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिये गये खाते में ट्रांसफर कर दिये गये। जिसकी शिकायत आवेदिका द्वारा तुरंत राज्य सायबर सेल झोन इंदौर में देने पर निरीक्षक राशिद अहमद, उनि संजय चौधरी, प्रआर. विजय बडोदकर, आर. राकेश बामनिया, आर. गजेंद्र सिंह राठौर की टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुये आवेदिका द्वारा दिये गये बैंक स्टेटमेंट के आधार पर बडी मेहनत एवं लगन से एक टीम नजदिकी आईसीआईसीआई बैंक में पहुचकर बैंक मैनेजर से सम्पर्क करते हुये संदिग्ध ट्राजेक्शन की बेनिफिशियरी खातें की जानकारी प्राप्त की गयी। जिस पर बैंक मैनेजर द्वारा बताया गया कि उक्त धोखाधडी की राशि आध्रप्रदेश के गुंटुर के आईसीआईसीआई बैंक के संदिग्ध खाते में जाना बताया गया एवं उक्त संदिग्ध खाते की जानकारी प्राप्त करते धोखाधडी की राशि आंधप्रदेश के गुंटुर के आईसीआईसीआई बैंक के एक अन्य खाते से ट्रांसफर होना पाया गया। उक्त संदिग्ध खातें में उपलब्ध संदिग्ध राशि को आईसीआईसीआई बैंक की स्थानीय शाखा से होल्ड लगवाया गया एवं आवेदिका की राशि को आहरण से पुर्व सुरक्षित करने में सफलता प्राप्त की। बैंक से जानकारी प्राप्त करने एवं संदिग्ध राशि को होल्ड कराने हेतु आईसीआईसीआई बैंक की स्थानीय शाखा – पिपलीयाहाना, मालवा परिसर, साकेत नगर शाखा प्रबंधकों से राज्य सायबर सेल इंदौर की टीम लगातार सम्पर्क में रही। शिकायत में कार्यवाही निरंतर जारी है।
उक्त कार्यवाही में निरीक्षक राशिद अहमद, उनि संजय चौधरी, प्रआर. विजय बड़ोदकर, आर 51 राकेश बामनिया, आर. 29 गजेन्द्र सिंह राठौर, म.आर. निशा मिश्रा एवं शाखा प्रबंधक आईसीआईसीआई बैंक शाखा (पिपलीयाहाना, मालवा परिसर, साकेत नगर) की सराहनीय भूमिका रही
रिपोर्ट संजय वर्मा
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