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नारायण साकार हरि उपाख्य भोले बाबा

उत्तर प्रदेश कासगंज

@ सन 1997_ 98 के बीच की बात है उस समय जनपद कासगंज का सृजन नहीं हुआ था।
@ एटा जनपद के अनुसूचित समाज के लोगों को ईसाई मिशनरी द्वारा प्रलोभन देकर धर्मांतरित किया जा रहा था ।
@ यह जानकारी उस समय उत्तर प्रदेश पुलिस इंटेलिजेंस में कार्यरत श्री सूरजपाल जी ( जिनका वर्तमान में नाम – नारायण साकार हरि उपाख्य भोले बाबा है ) को मिली तो उन्होंने अपने कुछ संगी साथियों को साथ लेकर धर्मांतरण का विरोध किया ।
@ विरोध करने में श्री सूरजपाल जी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा भविष्य में धर्मांतरण न हो इसके लिए इन्होंने आगरा शहर के केदार नगर कॉलोनी में छोटा सा प्रयास सत्संग के माध्यम से किया और वो सफल भी हुआ।
@ इनका रुझान पूरी तरह से अध्यात्म और जनकल्याण में होने के कारण इन्होंने पुलिस सेवा से बीआरएस ले लिया ,लंबे समय तक पेंशन भी ली है और मानवता को मजबूत करने के लिए ,समाज परिवर्तन के लिए अपनी अर्धांगिनी सहित पूर्ण मनोयोग से पूर्ण समय देकर इस कार्य में जुट गए।
@ तब इन्होंने कुछ लोगो के साथ विचार विमर्श करके सत्संग का नाम भी मानव मंगल मिलन रखा और कार्यक्रम आयोजित करना शुरू कर दिये।
@ तद उपरांत इनकी ख्याति धीरे-धीरे बढ़ने लगी और बड़ी संख्या में लोग सत्संग में आने लगे ।
@ सन 2000 तक इन्होंने पटियाली तहसील ( जिला कासगंज )क्षेत्र के गांव बहादुर नगर में ( इनका पैतृक गांव है) आश्रम बना लिया और आश्रम का नाम करण भी मानव मंगल मिलन स्थल कर दिया गया ।
@ इनके कार्यक्रम में सर्वाधिक संख्या में अनुसूचित समाज और अति पिछड़ा समाज के लोग आने लगे जिसके चलते ईसाई मिशनरियों का काम प्रभावित हुआ था ।
@ आज नारायण साकार हरि उपाख्य भोले बाबा के सत्संग में लाखों की संख्या में भक्त गण आते हैं । सभी भक्त व्यस्न मुक्त भी हो रहे है।महिलाओं की संख्या अधिक रहती है।
@ किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए नारायण साकार हरि उपाख्य भोले बाबा पिछले 7 वर्ष से बहादुर नगर स्थित अपने आश्रम में नहीं आये हैं क्योंकि उनके आने से अपार भीड़ एकत्र हो जाती थी और आसपास के किसानों का नुकसान होता था, इसलिए निरंतर प्रवास पर रहते है। सत्संग करते है।
@ नारायण साकार हरी उपाख्य भोले बाबा द्वारा सत्संग के माध्यम से हिंदू समाज को धर्मांतरित होने से रोका जा रहा है। हिंदी भाषी राज्यों में इनके कार्यक्रम आयोजित होते रहते है।
@ प्रवचन में मानव धर्म पर अधिक जोर रहता है।
@ किसी प्रकार का आर्थिक संग्रह नहीं करते है। इनकी कोई संतान भी नहीं है।
@ 24/5/2023 को अपनी चल अचल संपति चैरिटेबल ट्रस्ट को दान दे दी है।

रिपोर्ट-अंकित गुप्ता

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