छत्तीसगढ़
नारायणपुर 29 जनवरी 2025
जिला नारायणपुर क्षेत्र में चलाये जा रहे आत्मसमर्पण नीति ‘‘माड़ बचाओ अभियान’’ को ऐतिहासिक सफलता मिली है। कुतुल एरिया कमेटी अन्तर्गत कार्यरत 29 माओवादियों नें किये बिना हथियार के नक्सल क्रूर विचारधारा से तंग आकर एक साथ आत्मसमर्पण कर दिया है। इनमें जनताना सरकार, मिलिशिया , सीएनएम, कृषि सदस्य, पंचायत सरकार अध्यक्ष व सदस्य शामिल हैं । आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादियों को प्रोत्साहन राशि 25 हजार का चेक प्रदाय किया गया है एवं उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत् मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलायी जायेंगीं ।
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में 22 पुरूष व 07 महिला माओवादी शामिल हैं जो क्षेत्र में सक्रिय रूप से माओवादियों के लिए काम करते थे। इस प्रकार से लगातार माओवादियों के हो रहे आत्मसमर्पण से नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है।
महानिरीक्षक पुलिस बस्तर रेंज जगदलपुर सुन्दरराज पी. (भा.पु.से.), पुलिस उप महानिरीक्षक कांकेर रेंज अमित तुकाराम काम्बले (भा.पु.से.) के मार्गदर्शन में पुलिस अधीक्षक नारायणपुर प्रभात कुमार (भा.पु.से.) एवं अति. पुलिस अधीक्षक नारायणपुर रोबिनसन गुड़िया (भा.पु.से.) के निर्देशन में नारायणपुर पुलिस द्वारा माओवादियों के विरूद्ध क्षेत्र में लगातार चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान और अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों की अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके द्वारा किए जा रहे शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाली हिंसा से तंग आकर नक्सल संगठन से 35 माओवादियों के आत्मसमर्पण की यह महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है।
इतनी अधिक संख्या में माओवादियों के आत्मसमपर्ण के पीछे माड़ और नारायणपुर जिले में चलाये जा रहे विकास कार्य एवं तेजी से बनती सड़कें हैं जिनसे गांव तक सुविधाएं पहुँच रही हैं जिन्होंने लोगों को प्रभावित किया है। इसके अलावा माओवादी संगठन के विचारों से मोहभंग होना और पनप रही निराशा तथा संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक मतभेद भी आत्मसमर्पण के लिये कारण बताए जा रहे हैं ।
आने वाले समय में और भी नक्सलियों के संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण करने की संभावना है। आत्मसमर्पण कराने में नारायणपुर पुलिस का विशेष योगदान है। इस प्रकार बहुत अधिक संख्या में नक्सलियों का आत्मसर्पण से शीर्ष माओवादी कैडर के लिए बड़ा नुकसान हुआ है। नक्सल मुक्त माड़ बचाव अभियान की कल्पना साकार रूप ले रहा है। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों ने कहा है कि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़कर स्वच्छंद रूप से सामान्य जीवन जीना चाहते हैं। ग़ौरतलब है कि वर्ष 2024 से अब तक 71 से अधिक बडे़-छोटे कैडर के माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। 60 से अधिक माओवादियों मारे जा चुके हैं व 50 से अधिक माओवादियों को गिरफ्तार किया जा चुका है । इसके परिणामस्वरूप माओवादी संगठन कमजोर होते जा रहे हैं और अबूझमाड़ में विकास, सुरक्षा एवं शांति का सपना साकार होता दिख रहा है ।
(बस्तर ब्यूरो)
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