रात में भगवान भरोसे मरीज, अस्पतालों में नहीं रहते डॉक्टर
मंडला
निःशुल्क इलाज के लिए सरकार ने बीजाडांडी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया है। बीजाडांडी में तैनात डॉक्टर इलाज न करते हुए अपनी जम्मेदारी से भाग रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला गुरुवार रात 22 फरवरी को देखने को मिला, जब मोनू पाठक रात 12 बजे अपनी मां का इलाज कराने बीजाडांडी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं था। लोगों का कहना है कि सरकार से मोटी पगार लेने के बाद भी हॉस्पिटल में डॉक्टर रात मे ड्यूटी पर नही है इसी वज़ह से ग्रामीण प्रायवेट अस्पतालों का रुख कर रहे हैं। क्षेत्र के लोगों को इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है
स्वस्थ आदमी ही सारे कार्य सही समय पर कर पाता है परन्तु जब वे अस्वस्थ रहे तो सही समय पर कार्य तो दूर कोई कार्य ठीक ढंग से नही कर पाता है ठीक ऐसी ही हालत सामुदायिक स्वस्थ केंद्र बीजाडांडी की है जहाँ कहने को तो सरकार द्वारा दी जाने वाली सारी सुविधाएं उपलब्ध है परन्तु जरूरत पड़ने पर न तो इमरजेंसी में सेवा नही मिल रही है और न ही यहां साफ सफाई का ही ध्यान रखा जाता है ।
सरकार जन-जन तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। सरकार अस्पतालों को सुविधाओं और संसाधनों से लैस किया जा रहा है, लेकिन इसी के साथ चिकित्सकों व कर्मियों की मनमानी भी बढ़ती जा रही है। अस्पताल कुव्यवस्थाओं की जद में हैं। चिकित्सकों की मनमानी भी चरम पर है। इससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर रात में यदि कोई मरीज अस्पताल पहुंचता है तो उसका समुचित इलाज हो पाएगा भी या नहीं, यह कहना मुश्किल है। दो दिन पूर्व बीजा डांडी के सरकारी अस्पताल में रात में महिला का इलाज नहीं हो सका।
जिला संवाददाता :- फिरदौस खान ( मंडला )
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